ब्लॉग: बिलावल भुट्टो लंबे समय तक याद रखेंगे अपना ये दौरा, एससीओ बैठक में भारत ने इस अंदाज में दिखाया पाकिस्तानी विदेश मंत्री को आईना

By आरके सिन्हा | Published: May 8, 2023 01:36 PM2023-05-08T13:36:21+5:302023-05-08T13:50:45+5:30

बता दें कि करीब 12 साल बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारत की यात्रा की है। उनसे पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थीं।

Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari in SCO meeting india tour jaishankar | ब्लॉग: बिलावल भुट्टो लंबे समय तक याद रखेंगे अपना ये दौरा, एससीओ बैठक में भारत ने इस अंदाज में दिखाया पाकिस्तानी विदेश मंत्री को आईना

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsकुछ दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत आए हुए थे। वे एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत का दौरा किया था। इस दौरान भारत ने उन्हें आईना दिखाने की कोशिश की है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी लंबे समय तक भूलेंगे नहीं अपनी हालिया भारत यात्रा को. वे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भाग लेने के लिए भारत आए थे. उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें भारत की तरफ से किसी राष्ट्राध्यक्ष की तरह का सम्मान मिलेगा. 

पर बिलावल भुट्टो को भारत साफतौर पर जताना चाहता था कि भारत उनसे नाराज है क्योंकि उन्होंने कुछ समय पहले न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर अत्यंत अशोभनीय टिप्पणी की थी. उनकी तब भारत में चौतरफा निंदा भी हुई थी. दरअसल भारत तभी से उनसे खफा था. बिलावल गोवा में आए. वे चाहते थे कि उनकी भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अलग से बात हो जाए. पर भारतीय विदेश मंत्री ने उन्हें घास नहीं डाली. 

भारत जानता है कि पाकिस्तान के पैर के नीचे जमीन नहीं है. वह मुंबई हमलों के गुनहगारों को दंड देने के मामले पर बात नहीं करेगा, उसे अपने देश में आतंकवादियों की फैक्ट्री को खत्म करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और उसे वहां पर धार्मिक अल्पसंख्यकों की लगातार हो रही हत्याओं पर चर्चा करना भी गवारा नहीं होगा.

एस. जयशंकर ने सम्मेलन में पाकिस्तान को साफ बता दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा. देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जी-20 की बैठकें हो रही हैं, इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. यानी भारत एससीओ सम्मेलन के बहाने अपने अगले-पिछले बदले लेने के मूड में था. एस.जयशंकर ने तो बिलावल से हाथ तक नहीं मिलाया. मिलाते भी क्यों उस शख्स से जो भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री पर ओछी टिप्पणी कर रहा था.

4 मई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के लिए भव्य भोज का आयोजन किया गया. इसके साथ ही समूह के दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत हुई. बेनौलिम में समुद्र के किनारे ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में आयोजित स्वागत समारोह में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग, रूस के सर्गेई लावरोव और बिलावल भुट्टो जरदारी, उज्बेकिस्तान के बख्तियार सैदोव, एससीओ महासचिव झांग मिंग वगैरह ने भी भाग लिया. 

यहां भी हमारे विदेश मंत्री ने बिलावल भुट्टो को नजरअंदाज ही कर दिया. यह करीब 12 साल बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की भारत यात्रा है. उनसे पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी. भारत की तरफ से कोई कोशिश नहीं हुई कि धूर्त पड़ोसी के साथ द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने की बाबत पहल हो. कारण साफ है. पाकिस्तान सुधरने का नाम ही नहीं लेता.
 

Web Title: Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari in SCO meeting india tour jaishankar

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