ब्लॉग: दीपावली पर 80 करोड़ लोगों के लिए 'अन्नवर्षा' की घोषणा, केंद्र सरकार ने PMGKAY का किया विस्तार
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: November 6, 2023 10:21 AM2023-11-06T10:21:22+5:302023-11-06T10:27:16+5:30
गरीबों को मुफ्त राशन देने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कोरोना महामारी के दौरान आरंभ हुई थी। बाद में उसे कई बार आगे बढ़ाया गया। बीते साल इसे दिसंबर 2023 तक बढ़ाया गया।
फिलहाल पांच राज्यों के चुनाव मोड में चल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने वाली योजना को अगले 5 साल के लिए बढ़ाने की घोषणा कर दी। इससे ताजा विधानसभा चुनाव में लाभ-हानि का अंदाजा तो लग नहीं सकता, मगर लोकसभा चुनाव की दृष्टि से इसे लाभकारी माना जा सकता है।
गरीबों को मुफ्त राशन देने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कोरोना महामारी के दौरान आरंभ हुई थी। बाद में उसे कई बार आगे बढ़ाया गया। बीते साल इसे दिसंबर 2023 तक बढ़ाया गया। योजना के तहत हर परिवार को 5 किलोग्राम गेहूं या चावल और एक किलोग्राम दाल मुफ्त में मिलती है। साथ ही एक किलोग्राम साबुत चना भी मिलता है। इसमें गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को सहायता मिलती है। आंकड़ें बताते हैं कि अब तक मुफ्त अनाज की योजना पर 3146 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसके लिए 1170 लाख करोड़ रुपए का वार्षिक बजटीय प्रावधान भी है।
हालांकि, यह सरकार के भंडार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध अनाज के कारण संभव हो पा रहा है। सरकार के पास हर साल की पहली जनवरी को 138 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 76 लाख मीट्रिक टन चावल का भंडारण होना जरूरी होता है, जो आवश्यक उपलब्धता की तुलना में काफी अधिक रहा है।
केंद्रीय पूल में 15 दिसंबर, 2022 को लगभग 180 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 111 लाख मीट्रिक टन चावल की उपलब्धता थी, जिससे सरकार का आत्मविश्वास बढ़ा और उसने वर्ष 2023 में भी मुफ्त राशन बांटने की योजना को जारी रखने का फैसला किया था। मगर अब उसे पांच साल चलाने की घोषणा कर दी गई है।
केंद्र सरकार की योजना को राजनीतिक रूप से मास्टर स्ट्रोक माना जाता है, जिससे गरीबों को अच्छा-खासा लाभ हुआ है। भले ही योजना को वैश्विक महामारी के दौरान देश के एक बड़े वर्ग को भुखमरी से बचाने के लिए आरंभ किया गया था। किंतु सच यह भी है कि इन दिनों इससे किसान और दिव्यांग भी लाभान्वित हो रहे हैं। सर्वविदित है कि देश का बड़ा वर्ग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता है।
मोदी सरकार दावा करती है कि पिछले नौ-दस सालों में करीब 13 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है। मगर अभी-भी बहुत कुछ काम करना बाकी है। प्रधानमंत्री की नई घोषणा पांच वर्ष के लिए है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को लाभ तो मिलेगा ही, साथ ही वह अपनी कमाई को दूसरी आवश्यकताओं को पूरा करने में भी लगा सकेगा। निश्चित ही यह दीपावली के अवसर पर सुखद घोषणा है, जो आम तौर पर धन वर्षा की कामना से अलग ‘अन्नवर्षा’ है, जो भूख और गरीबी मिटाने में सहायक साबित होगी।