वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: खाड़ी से उठा नया संकट

By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 18, 2019 05:31 AM2019-09-18T05:31:55+5:302019-09-18T05:31:55+5:30

ईरान ने अमेरिका से कह दिया है कि ईरान से 2000 किमी तक के किसी भी अमेरिकी सैनिक ठिकाने को उड़ाने की पूरी क्षमता ईरानी फौजों में है. रूस और चीन ने अमेरिका से सावधानी बरतने का अनुरोध किया है और भारत ने सऊदी अरब पर हुए आक्रमण को आतंकवादी वारदात कहा है.

New crisis arose from Gulf | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: खाड़ी से उठा नया संकट

प्रतीकात्मक फोटो

सऊदी अरब पर यमन के बागियों ने जो हमला किया है, उससे सारी दुनिया में खतरे की घंटियां बजने लगी हैं क्योंकि दुनिया के देशों को सबसे ज्यादा तेल देने वाला देश यही है. इसके दो तेल अड्डों पर ड्रोन से हमला हुआ है. भारत अपने कुल तेल आयात का 18 प्रतिशत सऊदी अरब से खरीदता है. कोई आश्चर्य नहीं कि भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम 5 से 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएं. अगर ऐसा हो गया तो पता नहीं हमारी अर्थव्यवस्था का क्या होगा? 

महंगाई बढ़ेगी, यदि सरकार तेल के दाम नहीं बढ़ाएगी तो उसका घाटा बढ़ेगा. संतोष बस इतना है कि सऊदी अरब और अमेरिका, दोनों ने भरोसा दिलाया है कि भारत को जो ढाई करोड़ टन तेल हर वर्ष चाहिए, उसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.

माना कि कमी नहीं होगी, लेकिन तेल की बढ़ी हुई कीमतों के बोझ को हमारी अर्थव्यवस्था कैसे बर्दाश्त करेगी. अभी मामला सिर्फ एकतरफा हमले का ही है, कुछ पता नहीं कि अमेरिका और सऊदी अरब क्या कर डालें. वे इस हमले का पूरा दोष ईरान पर मढ़ रहे हैं. यह हमला हूती ड्रोन से नहीं, ईरानी मिसाइलों से हुआ है.

यमन के हूती बागियों को ईरान का समर्थन खुलेआम मिलता है लेकिन इस हमले की जिम्मेदारी ईरान ने बिल्कुल भी नहीं ली है. फिर भी यह असंभव नहीं कि डोनाल्ड ट्रम्प ईरान पर हमला बोल दें या सऊदी अरब को उस पर हमले के लिए उकसा दें. 

ईरान ने अमेरिका से कह दिया है कि ईरान से 2000 किमी तक के किसी भी अमेरिकी सैनिक ठिकाने को उड़ाने की पूरी क्षमता ईरानी फौजों में है. रूस और चीन ने अमेरिका से सावधानी बरतने का अनुरोध किया है और भारत ने सऊदी अरब पर हुए आक्रमण को आतंकवादी वारदात कहा है. जाहिर है कि इस झगड़े में वह किसी का भी पक्षधर नहीं बन सकता, क्योंकि दोनों देशों से उसके संबंध मधुर हैं. आश्चर्य तो यह है कि वह तमाशबीन बना है. वह अपने त्रिपक्षीय संबंधों के दम पर शांति वार्ता क्यों नहीं चलाता? उसकी बात अमेरिका, सऊदी अरब और ईरान- तीनों सुनेंगे. इनके बीच यदि युद्ध छिड़ गया तो उसकी लपटें भारत को भी झुलसाए बिना नहीं रहेंगी!

Web Title: New crisis arose from Gulf

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