ब्लॉग: मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट!
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: January 18, 2024 01:49 PM2024-01-18T13:49:35+5:302024-01-18T13:52:06+5:30
दो पूर्व मुख्यमंत्रियों-मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की वसुंधराराजे सिंधिया के पुनर्वास की योजना बनाने में व्यस्त है। ऐसा महसूस किया गया है कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने गरिमा दिखाई और अपने राज्यों में प्रमुख पद के लिए आलाकमान के फैसले को चुपचाप स्वीकार कर लिया।
सत्ता के गलियारों में कानाफूसी हो रही है कि भाजपा आलाकमान दो पूर्व मुख्यमंत्रियों-मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की वसुंधराराजे सिंधिया के पुनर्वास की योजना बनाने में व्यस्त है।
ऐसा महसूस किया गया है कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने गरिमा दिखाई और अपने राज्यों में प्रमुख पद के लिए आलाकमान के फैसले को चुपचाप स्वीकार कर लिया। एक विचार यह है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए दोनों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में एनडीए के कुछ नए सहयोगी, जैसे कि शिवसेना (शिंदे), एनसीपी (अजित), एलजेपी (रामविलास), जेडी (एस) और अन्य लोकसभा चुनाव में एनडीए की मदद करेंगे। चूंकि खरमास खत्म हो चुका है, ऐसे में माना जा रहा है कि मामूली फेरबदल हो सकता है, क्योंकि लोकसभा चुनाव अभी कुछ महीने दूर हैं। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक सार्वजनिक बैठक में कहा था कि शिवराज सिंह चौहान को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।
हालांकि, उन्होंने विस्तार से नहीं बताया क्योंकि मंत्रिमंडल में शामिल करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन ऐसा महसूस किया जाता है कि 75 वर्ष की निर्धारित आयु तक पहुंचने से पहले चौहान के पास सार्वजनिक जीवन में कुछ और वर्ष हैं। इसकी सिर्फ आशा ही की जा सकती है क्योंकि किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं है कि मोदी के दिमाग में क्या चल रहा है।
और अंत में यदि 2014 में पीएम मोदी का मंत्र था 'न खाऊंगा और न खाने दूंगा' (अपने शासन में कोई भ्रष्टाचार नहीं होने दूंगा), तो 2019 में एक नया मंत्र था 'न सोऊंगा, न सोने दूंगा'। मैं प्रधान सेवक हूं और आप भी जनसेवा में हैं। इसलिए आपसे भी सातों दिन चौबीसों घंटे लोगों की सेवा की अपेक्षा की जाती है। अब 2024 में नए मंत्र की प्रतीक्षा करें!