ब्लॉग: पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के दिखने लगे हैं दुष्परिणाम

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: April 3, 2024 11:23 AM2024-04-03T11:23:51+5:302024-04-03T11:27:29+5:30

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा सोमवार को दी गई जानकारी के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में अप्रैल-जून अवधि के दौरान चार से आठ दिनों की सामान्य गर्मी की तुलना में 10 से 20 दिनों तक लू चलने की संभावना है। 

Loss of Environment now showing bad affects | ब्लॉग: पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के दिखने लगे हैं दुष्परिणाम

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsमौसम विभाग ने ग्रीष्म के वर्तमान मौसम में तीखी गर्मी पड़ने का अनुमान जताया हैइसके अलावा लू के गंभीर थपेड़ों की जो बात कही हैवह चिंतित करने वाली भले हो, लेकिन अनपेक्षित नहीं है: आईएमडी

मौसम विभाग ने ग्रीष्म के वर्तमान मौसम में तीखी गर्मी पड़ने और लू के गंभीर थपेड़ों की जो बात कही है, वह चिंतित करने वाली भले हो, लेकिन अनपेक्षित नहीं है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा सोमवार को दी गई जानकारी के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में अप्रैल-जून अवधि के दौरान चार से आठ दिनों की सामान्य गर्मी की तुलना में 10 से 20 दिनों तक लू चलने की संभावना है। 

अप्रैल माह में ही गर्मी पूरे देश को झुलसाएगी और इसका सबसे बुरा असर मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में पड़ेगा। साथ ही ओडिशा, छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से और आंध्र में भी लू अपने चरम पर पहुंच सकती है।

दरअसल पिछले कई वर्षों से अंधाधुंध विकास की होड़ में प्रकृति को हमने जो नुकसान पहुंचाया है, निकट भविष्य में उसके भयावह परिणामों की आशंका से वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् हमें पहले ही चेता चुके हैं। प्रकृति से अगर हम छेड़छाड़ न करें तो वह खुद ही अपना संतुलन बना लेती है, जिसका उदाहरण हम कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन के दिनों में देख चुके हैं। 

उन चंद महीनों में ही उद्योग-धंधे बंद होने के कारण जब प्रदूषण फैलना बंद हो गया था तो प्रकृति में निखार आने लगा था। दुर्भाग्य से हमने उससे कोई सबक नहीं लिया और कोरोना महामारी के खत्म होने ही फिर से पहले की तरह प्रदूषण फैलाया जाने लगा है। हालांकि इस बीच पर्यावरण को बचाने की कुछ अच्छी पहलें भी हुई हैं, जिसमें प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शामिल है। 

इस योजना के माध्यम से लोगों को अपने घर की छतों पर सोलर पैनल लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जाहिर है कि सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ने पर बिजली बनाने के लिए कोयले के इस्तेमाल में कमी आएगी और प्रदूषण पर रोक लग सकेगी। सरकार के साथ ही नागरिकों को भी इस तरह के प्रयासों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की आवश्यकता है, ताकि प्रदूषण पर रोक लगे और प्रकृति को और ज्यादा असंतुलित होने से बचाया जा सके।

हालांकि अब तक हम पर्यावरण को जितना नुकसान पहुंचा चुके हैं, उसका दुष्परिणाम तो हमें प्राकृतिक आपदाओं के रूप में झेलना ही होगा, लेकिन अगर अभी भी हम चेत गए तो भविष्य के लिए कुछ उम्मीद बंध सकेगी।

Web Title: Loss of Environment now showing bad affects

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