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जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में कदम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 24, 2019 12:38 PM

नए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत पहली बार उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई और निपटारे के लिए नियामक बनाने का प्रस्ताव है. उपभोक्ताओं के संरक्षण से संबंधित प्रमुख अधिकारों से अब उपभोक्ता मजबूत होंगे. उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को तलाशी और जब्ती के अधिकार होंगे.

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ठळक मुद्देखराब सामान बेचने पर विक्रेता और निर्माता दोनों पर जुर्माने और सजा के प्रावधान होंगे. अब ग्राहकों की शिकायतों की सुनवाई शीघ्रतापूर्वक होगी. भ्रामक विज्ञापन पर जेल और जुर्माना दोनों संभव होंगे.

जयंतीलाल भंडारी

यकीनन 24 दिसंबर भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाने वाला एक ऐतिहासिक दिन है. इस दिन 1986 में उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू किया गया था. यह कानून उपभोक्ताओं के अधिकारों  की रक्षा करने वाले और उपभोक्ताओं को न्यायिक अधिकारों के माध्यम से मुआवजा सुनिश्चित करने वाले सशक्त कानून के रूप में रेखांकित किया गया.

इस कानून के तहत उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के मद्देनजर निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं और सरकार द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यकलापों को सम्मिलित किया गया. इस कानून के तहत उपभोक्ता संरक्षण में व्यापारियों और उत्पादकों द्वारा उपभोक्ता विरोधी व्यवहारों के खिलाफ आश्वासन भी शामिल हैं, जिनसे उपभोक्ता को ठगी से बचाया जा सके और त्वरित निवारण प्रदान किया जा सके.

गौरतलब है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 लागू करने के अब कोई 33 वर्ष बाद यह महसूस किया गया कि वैश्वीकरण और ई-कॉमर्स के दौर में भारत में उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण की नई अहमियत दिखाई दे रही है. ऐसे में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 को निरस्त करके 9 अगस्त, 2019 को नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 प्रतिस्थापित किया गया.

इस कानून का मकसद उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार व्यवहारों से होने वाले नुकसान से बचाना और व्यवस्था को सरल बनाना है. इसमें उपभोक्ता विवाद की न्याय निर्णय प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर दिया गया है. अब कोई भी उपभोक्ता शिकायत कर सकता है और 21 दिन के भीतर उसकी शिकायत स्वत: दर्ज हो जाएगी.

नए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत पहली बार उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई और निपटारे के लिए नियामक बनाने का प्रस्ताव है. उपभोक्ताओं के संरक्षण से संबंधित प्रमुख अधिकारों से अब उपभोक्ता मजबूत होंगे. उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को तलाशी और जब्ती के अधिकार होंगे. खराब सामान बेचने पर विक्रेता और निर्माता दोनों पर जुर्माने और सजा के प्रावधान होंगे. अब ग्राहकों की शिकायतों की सुनवाई शीघ्रतापूर्वक होगी. भ्रामक विज्ञापन पर जेल और जुर्माना दोनों संभव होंगे.

हम आशा करें कि उपभोक्ता संरक्षण कानून में उपभोक्ताओं के अधिकारों का संवर्धन और संरक्षण करने पर जिस तरह जोर दिया गया है, उससे अनुचित व्यापार व्यवहारों से उपभोक्ताओं को नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी. 

टॅग्स :उपभोक्ता संरक्षण विधेयकइंडियाभारत सरकार
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