ब्लॉग: भारत में खाद्य असुरक्षा की सबसे बड़ी वजह गरीबी, सबके लिए सुनिश्चित होना चाहिए पौष्टिक आहार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 7, 2023 11:08 AM2023-06-07T11:08:17+5:302024-01-20T12:13:15+5:30
भारत में खाद्य असुरक्षा की सबसे बड़ी वजह गरीबी है. आर्थिक तंगी के चलते कई लोगों को पर्याप्त व पोषण युक्त भोजन नहीं मिल पाता, जिससे वे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं.
रंजना मिश्रा
पौष्टिक और पर्याप्त भोजन तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित न होना ही खाद्य संकट है. जब धन अथवा अन्य संसाधनों के अभाव में लोग भुखमरी के शिकार होने लगें तो खाद्य संकट की स्थिति कही जाती है. मोटे तौर पर खाद्य संकट को दो भागों में बांट सकते हैं. कई लोगों को भरपेट खाना नहीं मिल पाता या उनके परिवार को राशन मुहैया नहीं हो पाता, इसे मध्यम स्तरीय खाद्य संकट कहते हैं. इस संकट में लोगों को भोजन की मात्रा एवं गुणवत्ता के साथ समझौता करना पड़ता है.
दूसरा है गंभीर खाद्य संकट. इस संकट में लोगों को कई दिनों तक भोजन नहीं मिलता, उन्हें पौष्टिक एवं पर्याप्त आहार उपलब्ध नहीं हो पाता. लंबे समय तक यही स्थिति बने रहने पर यह भूख की समस्या का रूप धारण कर लेती है. इस प्रकार भूख से होने वाली मौतें गंभीर खाद्य संकट के कारण ही होती हैं. ऐसे में सवाल है कि खाद्य असुरक्षा बढ़ने के आखिर क्या
कारण हैं?
भारत में खाद्य असुरक्षा की सबसे बड़ी वजह गरीबी है. आर्थिक तंगी के चलते कई लोगों को पर्याप्त व पोषण युक्त भोजन नहीं मिल पाता, जिससे वे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं. खाद्य असुरक्षा बढ़ने के पीछे एक कारण यह भी है कि भारत में गुणवत्तापूर्ण व संतुलित भोजन करने के स्थान पर भरपेट भोजन खाने को अधिक महत्व दिया जाता है. इससे लोगों में प्रोटीन व अन्य पोषक पदार्थों की कमी हो जाती है. योजनाओं का सही प्रकार से क्रियान्वयन न हो पाने के कारण भी खाद्य असुरक्षा बढ़ती है.
गरीबों की उचित पहचान न हो पाने के कारण वे कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते और खाद्य असुरक्षा के शिकार हो जाते हैं. ये भी एक विडंबना ही है कि एक तरफ देश में भुखमरी के चलते लोगों की मौत हो जाती है और दूसरी तरफ गोदामों में रखे अनाजों को सड़ने से बचाने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है. इसके अलावा अधिक मात्रा में भोजन की बर्बादी भी खाद्य संकट पैदा करती है.