शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: युवाओं को सकारात्मक दिशा दें
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 12, 2019 08:04 PM2019-01-12T20:04:24+5:302019-01-12T20:04:24+5:30
21वीं सदी में भारत की जिस प्रभावी भूमिका की चर्चा हम पिछले कुछ समय से लगातार सुनते आ रहे हैं और जिस भूमिका के लिए अब देश तैयार हो रहा है उसका मुख्य आधार भी यही है कि भारत अब एक लंबे समय तक सबसे युवा देश बना रहने वाला है।
युवा शक्ति हर युग में और हर समाज में सबसे उर्वर मानी जाती रही है। आर्थिक विकास के लिहाज से भी युवा शक्ति समाज के लिए वरदान हो सकती है। सो, अगर भारत के नीति नियंता इस बात से खुश हैं कि उन्हें युवा शक्ति का भंडार मिला है तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं। यह तथ्य भारत के ही लिए नहीं, पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है कि 2020 में एक औसत भारतीय की उम्र महज 29 साल होगी, जबकि औसत चीनी और अमेरिकी नागरिक 37 साल का होगा। उसी साल पश्चिम यूरोप में यह उम्र 45 साल और जापान में 48 साल होगी। आबादी के आंकड़ों के आधार पर विश्लेषकों ने जो अनुमान पेश किए हैं, उनके मुताबिक 2020 तक भारत की कामकाजी आबादी 4 करोड़ 70 लाख बढ़ चुकी होगी।
21वीं सदी में भारत की जिस प्रभावी भूमिका की चर्चा हम पिछले कुछ समय से लगातार सुनते आ रहे हैं और जिस भूमिका के लिए अब देश तैयार हो रहा है उसका मुख्य आधार भी यही है कि भारत अब एक लंबे समय तक सबसे युवा देश बना रहने वाला है। लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि इतनी बड़ी युवा आबादी को सही दिशा कैसे दें या इतनी बड़ी युवा आबादी को राष्ट्र निर्माण के लिए सकारात्मक दिशा में कैसे मोड़ें? इस महत्वपूर्ण प्रश्न का सिर्फ एक ही जवाब है कि समग्र शिक्षा और रोजगार के माध्यम से हम देश के युवाओं को सही दिशा दे सकते हैं जबकि अभी देश में रोजगारपरक शिक्षा न मिलने से बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है।
‘उठो, जागो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करो’ का संदेश देने वाले युवाओं के प्रेरणास्नेत, समाज सुधारक युवा युग-पुरुष स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। उनके जन्मदिन को ही राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद ने देश के युवाओं को समग्र आध्यात्मिक सोच और दिशा दी थी।
आज भी स्वामी विवेकानंद को उनके विचारों और आदर्शो के कारण जाना जाता है। देश की वर्तमान परिस्थितियों में उनके विचार बहुत ज्यादा प्रासंगिक हो गए हैं। इसी वजह से वे देश के युवाओं के प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।