अमीरी बढ़ती रही, सबसे बड़े लोकतंत्र में डेमोक्रेसी की किसे फिक्र है!

By रंगनाथ | Published: February 2, 2018 04:43 PM2018-02-02T16:43:01+5:302018-02-02T18:17:59+5:30

ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में नार्वे, आइसलैंड और स्वीडेन क्रमशः पहले तीन स्थानों पर हैं। अमेरिका इस लिस्ट में 21वें स्थान पर है।

India Slipped 10 position down to 42th in annual Global Democracy Index but who cares | अमीरी बढ़ती रही, सबसे बड़े लोकतंत्र में डेमोक्रेसी की किसे फिक्र है!

अमीरी बढ़ती रही, सबसे बड़े लोकतंत्र में डेमोक्रेसी की किसे फिक्र है!

ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत पिछले साल की तुलना में 10 पायदान नीचे खिसक गया है। साल 2016 में भारत दुनिया के 165 देशों में 32वें स्थान पर था। इस साल 42वें स्थान पर पहुँच गया है। लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में डेमोक्रेसी की किसे फिक्र है!

भारतीय मीडिया में पिछले दो दिनों से बज़ट छाया हुआ है। टीवी, अखबार और न्यूज वेबसाइटों पर फुटनोट के रूप में ये ख़बर भले आयी हो लेकिन इसपर न तो प्राइम टाइम डिबेट हुए न ही संपादकीय लेख और अग्रलेख लिखे गये। 

भारत को उन देशों में रखा गया है जहाँ "अपूर्ण लोकतंत्र" है। लोकतंत्र के रिपोर्ट कार्ड में भारत के नंबर किस बात के लिए कटे? "संकीर्ण धार्मिक विचारधारा के उभार" और "विजिटलैंटिज्म और हिंसा में बढ़ोतरी" की वजह से डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत पीछे चला गया है। लेकिन इसकी किसे चिंता है?

इस इंडेक्स में सभी देशों को चुनाव प्रक्रिया, बहुलतावाद, नागरिक आजादी, प्रशासनिक पारदर्शिता, राजनीतिक भागीदारी और राजनीतिक संस्कृति के आधार पर नंबर दिए जाते हैं। जाहिर है भारत इन पैमानों पर पीछे खिसका  है तभी उसकी रैंकिंग गिरी है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार समेत देश के 17 राज्यों में बीजेपी सत्ता में है। लेकिन देश में लोकतंत्र के बदरंग होने के लिए कौन जिम्मेदार है? ये कौन पूछता है!

भारतीय चाहे तो बुरी रैंकिंग में भी आशा की किरण देख सकते हैं। लोकतंत्र की सेहत के मामले में दुनिया का सबसे ताकतवर और अमीर देश अमेरिका 21वें स्थान पर है। जापान, इटली, फ्रांस, इजराइल, सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग जैसे अमीर और रसूखदार देश भी इस मामले में छोटे यूरोपीय देशों से पीछे हैं। हर साल  की तरह इस साल भी लिस्ट में नार्वे, आइसलैंड और स्वीडेन क्रमशः पहले तीन स्थानों पर हैं।

पिछले हफ्ते आई ऑक्सफेम की रिपोर्ट में दुनिया के अमीर देशों में भारत छठे स्थान पर था। अरबपतियों की संख्या के लिहाज से हमारा देश दुनिया में तीसरे स्थान पर रहा। जाहिर है कि देश में अमीरी बढ़ रही है लेकिन लोकतांत्रिक स्पेस सिकुड़ता जा रहा है। जब अमीरी बढ़ रही हो तो लोकतंत्र किसे चाहिए? ये कौन सोचता है!

Web Title: India Slipped 10 position down to 42th in annual Global Democracy Index but who cares

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