ब्लॉग: भारत ने फिर दिया आपदा प्रबंधन कौशल का परिचय

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 28, 2024 11:28 AM2024-05-28T11:28:58+5:302024-05-28T11:31:14+5:30

रविवार की देर रात चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ पाकिस्तान, बंगाल और हमारे पड़ोसी बांग्लादेश के तट से टकराया. ‘रेमल’ का स्वरूप भयावह था और आशंका हो रही थी कि कहीं वह अकल्पनीय विनाशलीला न रच दे.

India again showcases its disaster management skills | ब्लॉग: भारत ने फिर दिया आपदा प्रबंधन कौशल का परिचय

Photo Credit: ANI

Highlightsअब भारत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में दूसरे देशों के लिए अनुकरणीय बनता जा रहा है.तकनीक के विकास के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करने में मनुष्य दक्षता हासिल करने लगा. पिछली सदी तक चक्रवाती तूफान भारत में विनाशलीला रचते थे. 

भीषण चक्रवाती तूफान का भारत ने एक बार फिर मजबूती के साथ सामना किया और आपदा प्रबंधन में अपनी निपुणता की मिसाल पेश की. रविवार की देर रात चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ पाकिस्तान, बंगाल और हमारे पड़ोसी बांग्लादेश के तट से टकराया. ‘रेमल’ का स्वरूप भयावह था और आशंका हो रही थी कि कहीं वह अकल्पनीय विनाशलीला न रच दे. पिछली सदी तक चक्रवाती तूफान भारत में विनाशलीला रचते थे. 

उनमें हजारों लोग मारे जाते थे और संपत्ति का बहुत ज्यादा नुकसान होता था मगर भारत ने इन तूफानों से लड़ने का कौशल हासिल कर लिया है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, भूकंप तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता. हजारों वर्षों से प्राकृतिक आपदाएं विनाशलीला रच रही हैं. तकनीक के विकास के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करने में मनुष्य दक्षता हासिल करने लगा. 

भारत ने तो पिछले दो-तीन दशकों में चक्रवाती तूफानों का मुकाबला करने में दुनिया के समक्ष मिसाल पेश की है. पिछली सदी में भारत में जितने भी चक्रवाती तूफान आए, विनाशलीला रचते रहे और सरकारी मशीनरी असहाय होकर विनाश को देखती रही. गुजरात, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, प. बंगाल, केरल समेत कई राज्यों ने समुद्री तूफानों के भीषण हालात को झेला है लेकिन अब ऐसा नहीं होता. 

पहले तकनीक इतनी विकसित नहीं थी कि ऐसे तूफानों का सटीक अनुमान लगाया जा सके लेकिन अब ऐसा संभव हो गया है. समुद्री तूफानों या चक्रवात की सटीक जानकारी पहले से मिल जाती है. इससे बचाव के एहतियाती कदम उठाने में केंद्र तथा संबंधित राज्य सरकारों को पर्याप्त समय मिल जाता है.

चक्रवाती तूफान रेमल के बारे में पूरी जानकारी तो मौसम विभाग समय-समय पर देता रहा लेकिन असली अग्निपरीक्षा केंद्र सरकार की आपदा प्रबंधन टीम तथा पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकारों के प्रशासन की थी. 

‘रेमल’ का मुकाबला करने में केंद्र तथा संबंधित राज्य सरकारों के बीच बेहतरीन तालमेल नजर आया. ओडिशा हालांकि इस तूफान से लगभग अप्रभावित रहा लेकिन उसने भी कमर कस रखी थी. प. बंगाल सरकार ने लाखों लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया. इस कार्य में केंद्र की आपदा प्रबंधन टीम ने भी पूरा सहयोग दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि ‘रेमल’ पूरी ताकत दिखाने के बावजूद ज्यादा जनहानि नहीं कर सका. ये पंक्तियां लिखे जाने तक प. बंगाल में केवल दो लोगों की मौत की खबर थी. 

सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को जरूर नुकसान पहुंचा है लेकिन तबाही का मंजर डरावना नहीं था जैसा कि कुछ दशकों पहले हुआ करता था. आपदा प्रबंधन की कमजोरियों को लेकर अक्सर दुनिया में भारत की आलोचना हुआ करती थी. चक्रवाती तूफानों से जब हजारों लोग प्राण गंवाते थे, तब भारत सरकार की प्रशासनिक कमजोरियों को जिम्मेदार समझा जाता था. 

अब भारत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में दूसरे देशों के लिए अनुकरणीय बनता जा रहा है. रविवार की रात जब प. बंगाल के तट पर रेमल दस्तक दे रहा था, उसी वक्त अमेरिका के एक बड़े हिस्से में भी तूफानी हवाएं तबाही मचा रही थीं. यहां भी अमेरिका के आपदा प्रबंधन कौशल की परीक्षा थी. यह तूफान ‘रेमल’ जितना भयावह नहीं था, मगर ज्यादा तबाही मचा गया. 

अमेरिका के टेक्सास, आर्कांसस तथा ओक्लाहोमा में तूफान से 15 लोगों की जान गई और अरबों डाॅलर की संपत्ति नष्ट हो गई. इससे सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन में अमेरिका से ज्यादा भारत सक्षम है. चक्रवाती तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए विभिन्न कारक जिम्मेदार होते हैं. इनको रोका नहीं जा सकता लेकिन उनसे लड़ना जरूर सीखा जा सकता है और भारत ने उनसे लड़ना अच्छी तरह सीख लिया है.

Web Title: India again showcases its disaster management skills

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