ब्लॉग: दागी जनप्रतिनिधियों की बढ़ती जा रही संख्या, कर्नाटक विधानसभा चुनाव से भी मिले ऐसे संकेत

By प्रमोद भार्गव | Published: May 13, 2023 11:10 AM2023-05-13T11:10:28+5:302023-05-13T11:10:28+5:30

आंकड़े बताते हैं कि दागी निर्दलीय उम्मीदवारों की भी संख्या बढ़ रही है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के संदर्भ में इस तथ्य का खुलासा किया है.

Increasing number of tainted public representatives and leader not good for democracy | ब्लॉग: दागी जनप्रतिनिधियों की बढ़ती जा रही संख्या, कर्नाटक विधानसभा चुनाव से भी मिले ऐसे संकेत

ब्लॉग: दागी जनप्रतिनिधियों की बढ़ती जा रही संख्या, कर्नाटक विधानसभा चुनाव से भी मिले ऐसे संकेत

यह देश और जनता के लिए आश्चर्य में डालने वाला तथ्य है कि ऐसे विधायक और सांसदों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, जो गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े हैं. हैरानी इस पर भी है कि सभी राजनीतिक दल इस पृष्ठभूमि के लोगों को उम्मीदवार बना रहे हैं और वे जीत भी रहे हैं. अतीक अहमद पर जहां हत्या, दुष्कर्म और जमीन हड़पने के 101 मामले दर्ज थे, वहीं मुख्तार अंसारी पर भी दर्जनों मामले दर्ज हैं. 

दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद एवं भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश से यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के मामलों में दो एफआईआर दर्ज की है. 7 महिला पहलवानों ने उन पर ये आरोप लगाए हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 16 प्रतिशत प्रत्याशी ऐसे हैं, जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं. 

दागी निर्दलीय उम्मीदवारों की भी संख्या बढ़ रही है. साफ है, राजनीतिक वर्चस्व जनसेवा के बहाने एक ऐसा हथियार बनता जा रहा है, जो अकूत धन-संपदा कमाने के साथ रौब-रुतबे का भी पर्याय बन गया है. चुनाव सुधार की दिशा में निरंतर पहल कर रही एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के संदर्भ में इस तथ्य का खुलासा किया है.  
 
हालांकि जनप्रतिनिधि कानून के विपरीत संविधान के अनुच्छेद 173 और 326 में प्रावधान है कि न्यायालय द्वारा दोषी-करार दिए लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किए जा सकते हैं. यहां प्रश्न है कि जब संविधान के अनुसार कोई अपराधी मतदाता भी नहीं बन सकता तो वह जनप्रतिनिधि बनने के नजरिये से निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी कैसे कर सकता है? संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत यह दोहरा मापदंड समानता के अधिकार का उल्लंघन है.

Web Title: Increasing number of tainted public representatives and leader not good for democracy

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