संपादकीयः छात्रों को चुनाव प्रणाली की जानकारी देना सराहनीय
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 14, 2018 08:58 PM2018-12-14T20:58:55+5:302018-12-14T20:58:55+5:30
युवा पीढ़ी को मताधिकार के बारे में समझाने के लिए यह मतदाता साक्षरता कार्यक्रम स्कूली स्तर से शुरू कराने की सिफारिश चुनाव आयोग ने की थी, जिसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने एनसीईआरटी को चुनाव प्रणाली सरल भाषा में समझाने के लिए मार्गदर्शिका तैयार करने के निर्देश दिए थे.
छात्रों को मतदान के प्रति जागरूक करने और निर्वाचन प्रणाली के बारे में जानकारी देने के लिए चुनाव आयोग की सिफारिश पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की नई पहल सराहनीय है. मंत्रलय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए ‘निर्वाचन साक्षरता क्लब मार्गदर्शिका’ तैयार कराई है और योजना के तहत हर स्कूल में निर्वाचन साक्षरता क्लब बनाए जाएंगे. इनमें छात्रों को चुनाव संबंधित जानकारियां दी जाएंगी.
युवा पीढ़ी को मताधिकार के बारे में समझाने के लिए यह मतदाता साक्षरता कार्यक्रम स्कूली स्तर से शुरू कराने की सिफारिश चुनाव आयोग ने की थी, जिसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने एनसीईआरटी को चुनाव प्रणाली सरल भाषा में समझाने के लिए मार्गदर्शिका तैयार करने के निर्देश दिए थे.
दरअसल जिस तरह से समाज में मतदान के प्रति अभी उदासीनता है वह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है. कोई भी लोकतांत्रिक प्रणाली पूरी तरह से तभी कारगर हो सकती है जब उसमें समाज के सभी सदस्यों की भागीदारी हो. लोगों की उदासीनता की वजह से ही कई बार उन पर अयोग्य लोग शासन करने लगते हैं. शासक को जब लगता है कि लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति सजग नहीं हैं तो वह सत्ता का दुरुपयोग करने लगता है.
इसलिए जनतांत्रिक प्रणाली में लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है. खासकर नई पीढ़ी को तो इसकी जानकारी होनी ही चाहिए, क्योंकि वही देश का भविष्य है. एक जागरूक समाज ही लोकतांत्रिक प्रणाली के सारे फायदे उठा सकता है. मतदाताओं को बहकाने-फुसलाने, रुपए या किसी अन्य चीज का प्रलोभन देने जैसी आज जितनी भी बुराइयां दिखाई देती हैं, उनके मूल में आमतौर पर मतदाताओं की अपने अधिकारों के प्रति उदासीनता ही होती है.
अगर उन्हें मालूम हो कि उन्हें प्रलोभन देने वाला उम्मीदवार चुने जाने पर अंतत: उनका ही नुकसान करेगा, तो वे ईमानदार उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता देंगे. इससे राजनीति को साफ-सुथरा करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी. इसलिए छात्रों को चुनाव प्रणाली की जानकारी देने वाला सरकार का यह कदम प्रशंसनीय है.