ब्लॉग: रोकी जा सकती है प्याज की किल्लत लेकिन आखिर कहां है समस्या और क्या है इसका रास्ता

By पंकज चतुर्वेदी | Published: June 15, 2022 01:22 PM2022-06-15T13:22:21+5:302022-06-15T13:24:08+5:30

भारत दुनिया में सर्वाधिक प्याज पैदा करने वाला दूसरा देश है. चीन पहले स्थान पर है. अनुमान है कि हर साल हमारे देश में 70 लाख टन से अधिक प्याज खराब हो जाता है जिसकी कीमत 22 हजार करोड़ रु. होती है.

How Onion shortage can be stopped in India, where is problem and what is way to come out of it | ब्लॉग: रोकी जा सकती है प्याज की किल्लत लेकिन आखिर कहां है समस्या और क्या है इसका रास्ता

रोकी जा सकती है प्याज की किल्लत (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के नासिक की सताना, नांदगांव आदि मंडी में प्याज के दाम पचास रुपए क्विंटल तक गिर गए हैं. हालांकि प्याज की उत्पादन लागत 15 से 18 रुपए प्रति किलो है. कई किसान निराश होकर फसल तक नहीं खोद रहे. महाराष्ट्र में कोई डेढ़ करोड़ लोग खेती-किसानी से अपना जीवन चलाते हैं और इनमें से दस फीसदी अर्थात् 15 लाख लोग केवल प्याज उगाते हैं. 

बरसात का खतरा सिर पर है और आढ़तिया अब उतना ही माल लेगा जितना वह भंडारण कर सके. चीन के बाद भारत दुनिया में सर्वाधिक प्याज पैदा करने वाला देश है और यहां से हर साल 13 हजार करोड़ टन प्याज का निर्यात होता है, लेकिन यहां की राजनीति में आए दिन प्याज की कमी और दाम आंसू लाते रहते हैं.

यह गौर करना होगा कि जलवायु परिवर्तन की मार से प्याज की खेती को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है. दुर्भाग्य है कि हमारे देश में प्याज की मांग व उत्पादन इतनी बड़ी समस्या नहीं है जितना संकट में प्याज की बंपर फसल होने पर उसे सहेज कर रखना है. आमतौर पर इसकी बोरियां खुले में रहती हैं व बारिश होते ही इनका सड़ना शुरू हो जाता है. इसी के साथ अभी नए प्याज की आवक शुरू होगी लेकिन दिल्ली के बाजार में फुटकर में इसके दाम चालीस रुपए से नीचे नहीं आ रहे.

एक फौरी अनुमान है कि हर साल हमारे देश में 70 लाख टन से अधिक प्याज खराब हो जाता है जिसकी कीमत 22 हजार करोड़ रु. होती है. केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने वर्ष 2022 की आर्थिक समीक्षा में बताया है कि सन् 2020-21 में कोई 60 लाख टन प्याज सड़ने या खराब होने का आकलन किया गया था जो सन् 2021-22 में 72 लाख टन है. 

इस समय देश में प्याज की उपलब्ध्ता 3.86 करोड़ टन है, जबकि 28 लाख टन आयात किया गया है. लेकिन दुर्भाग्य है कि इस स्टॉक को सहेजने के लिए माकूल कोल्ड स्टोरेज हैं नहीं. महज दस फीसदी प्याज को ही सुरक्षित रखने लायक व्यवस्था हमारे पास है, साथ ही प्याज उत्पादक जिलो में कोई खाद्य प्रसंस्करण कारखाने हैं नहीं. 

किसान अपनी फसल लेकर मंडी जाता है और यदि उसके माल बेचने के लिए सात दिन कतार में लगना पड़े तो माल-वाहक वाहन का किराया देने व मंडी के बाहर सारा दिन बिताने के बदले में किसान को कुछ नहीं मिलता.

Web Title: How Onion shortage can be stopped in India, where is problem and what is way to come out of it

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