गिरीश्वर मिश्र का ब्लॉग: कोरोना से इस लड़ाई में खुले हैं कई मोर्चे

By गिरीश्वर मिश्र | Published: April 24, 2020 12:13 PM2020-04-24T12:13:24+5:302020-04-24T12:13:24+5:30

वैश्वीकरण की यह सौगात सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुकी है. सामान्य जीवन की सारी प्रक्रियाएं उलट-पुलट हो रही हैं. अभी भी कुछ पता नहीं है कि आगे क्या होने वाला है. जो भी हो, इतना तो तय है कि इस विषाणु से उबरने के बाद भी दुनिया की रीति वैसी न रह सकेगी जैसी पहले थी.

Girishwar Mishra blog: Many fronts are open in this fight against Coronavirus | गिरीश्वर मिश्र का ब्लॉग: कोरोना से इस लड़ाई में खुले हैं कई मोर्चे

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

आज मनुष्यता एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी दिख रही है जब अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी विकास की प्रगति के प्रति अगाध विश्वास से उसका भरोसा डिग रहा है और जीवन के आधारभूत सवाल महत्वपूर्ण हुए जा रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना विषाणु ने मानवता के बहुत बड़े ऐसे हिस्से को प्रभावित किया जिसका इस विषाणु से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था.

वैश्वीकरण की यह सौगात सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुकी है. सामान्य जीवन की सारी प्रक्रियाएं उलट-पुलट हो रही हैं. अभी भी कुछ पता नहीं है कि आगे क्या होने वाला है. जो भी हो, इतना तो तय है कि इस विषाणु से उबरने के बाद भी दुनिया की रीति वैसी न रह सकेगी जैसी पहले थी.

विषाणु के विरुद्ध लड़ाई कई तरह से अनोखी हो गई है और कई मोर्चो पर लड़ी जानी है. इसका संक्रमण पहचानना और उचित समय पर चिकित्सकीय प्रबंधन करना इसलिए भी चुनौती बन रहा है क्योंकि न तो इसकी स्पष्ट औषधि का पता है न ही कोई टीका उपलब्ध है. ऊपर से यह लक्षणरहित रूप में भी मौजूद हो सकता है. विश्व की कई प्रयोगशालाओं में टीका बनाने के प्रयास जारी हैं परंतु शायद इस वर्ष के अंत तक ही इसके परिणाम मिल सकेंगे.

संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखना जरूरी है और इसके लिए देश में लॉकडाउन का निर्णय लिया गया जिसको तीन मई तक बढ़ा दिया गया है. दुर्भाग्य से इस संदेश कि सफाई और सामाजिक दूरी बनाए रख कर संक्रमण से बचा जा सकता है, को कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे.

इस कठिन समय में सामाजिक दूरी बनाए रखने की अनिवार्य बाध्यता ने निजी और पारिवारिक जीवन, खेती-किसानी, मजदूरी, शिक्षा और कानूनी तथा विधायी संस्थाओं के संचालन में  कई तरह की  प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष  रूप से बाधाएं  पैदा की हैं जिसका दूरगामी असर पड़ेगा.

कई क्षेत्नों में खेत की फसल की देखरेख न होने से नुकसान हो रहा है तो तैयार फसल की व्यवस्था और उसे बाजार तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है. विभिन्न उद्योगों में उत्पादन ठप पड़ा है. इस महामारी की मार सबसे ज्यादा गरीबों, दिहाड़ी पर काम करने वालों, छोटे दुकानदारों और मध्य वर्ग के लोगों पर पड़ रही है. ऐसी परिस्थिति के लिए कोई तैयार नहीं था और न आवश्यक संसाधन ही जुटा सके थे.

आशा की जाती है कि सावधानी के साथ धीरे-धीरे इन सभी क्षेत्नों में काम शुरू होगा. इसके लिए हमें प्राथमिकताओं को तय कर जरूरी संसाधन और अवसर जुटाने होंगे. फिजूलखर्ची पर रोक लगाते हुए उपलब्ध संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग किए बिना गाड़ी पटरी पर नहीं आ सकेगी. इसके लिए राजनीतिक स्वार्थो से ऊपर उठ कर पूरे भारत की चिंता करनी होगी क्योंकि देश हित ही सर्वोपरि है.

Web Title: Girishwar Mishra blog: Many fronts are open in this fight against Coronavirus

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