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गिरीश्वर मिश्र का ब्लॉग: हमारे अपने हाथ में ही है स्वस्थ जीवन की कुंजी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: May 12, 2020 10:57 IST

कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. सभी परेशान हैं और इस महामारी से निजात पाने की कोशिश में जुटे हैं. ऐसे में हम अपने को कैसे स्वस्थ रखें यह बड़ी चुनौती बन गई है.

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आजकल  का समय  स्वास्थ्य की दृष्टि से एक विशेष चुनौती बनता जा रहा है, जब पूरे विश्व में मानवता के ऊपर एक ऐसी महामारी का असर पड़ रहा है जिससे सभी परेशान हैं और उसका उपाय अभी भी नहीं मिल रहा है.

आज की कठिन घड़ी का एक व्यापक वैश्विक परिदृश्य है जहां पर  किसी दूर बाहर के देश से पहुंच कर एक विषाणु चारों ओर छा रहा है और जान को जोखिम में डाल रहा है. पूरे विश्व में आज हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में हम अपने को कैसे स्वस्थ रखें यह  बड़ी चुनौती  बन रही है. पर जब हम विचार करते हैं तो यह प्रश्न खड़ा होता है कि हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कितने तत्पर हैं? 

यह सही है कि स्वास्थ्य केवल अपने ऊपर ही नहीं बल्कि व्यक्ति और परिवेश इन दोनों की अंत:क्रिया पर निर्भर करता है. अपने परिवेश को देखने पर भारी अंतर्विरोध की स्थिति दिखती है कि आज जब डेढ़ महीने से ज्यादा समय लॉकडाउन को हो रहा है तो हमारा परिवेश सकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है. प्रदूषण की मात्रा घटी है, हवा और पानी की गुणवत्ता ठीक हो रही है, पेड़-पौधों का स्वास्थ्य ठीक हो रहा है. 

इससे यह भी संदेश मिलता है कि हमें अपने प्रति और अपने परिवेश दोनों के प्रति किस तरह के दायित्व का निर्वाह करना चाहिए. इस पर सोचने की आवश्यकता है. अपने ऊपर नियंत्रण और प्रकृति के प्रति संवेदना दोनों ही आवश्यक हैं.

जब हम अपने ऊपर विचार करते हैं तो हमें लगता है कि कुछ विशेष तरह का परिवर्तन ले आना अब आवश्यक हो गया है. जीवन में चुनौतियां और समस्याएं बनी रहती हैं, तनाव भी बने रहते हैं. इन सबके लिए आवश्यक है कि हम अपने आपको कैसे संचालित करें. हम अपने इम्यून सिस्टम या प्रतिरक्षा तंत्र को कैसे सबल बनाएं. 

तमाम अध्ययनों के परिणामों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिस व्यक्ति में प्रतिरक्षा तंत्र सुदृढ़ है वह  कोविड-19 की लड़ाई में सक्षम साबित हो रहा है. साथ ही यह भी बड़ा आवश्यक है कि हम अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित बनाए रखें.  हम सोकर कब उठते हैं,  कब  भोजन करते हैं, कब अध्ययन करते हैं और घर के काम में किस तरह हाथ बंटाते हैं इनका नियम से पालन किया जाए. इसके साथ ही साथ यह भी आवश्यक है कि शरीर के श्रम के ऊपर ध्यान दिया जाए. 

लॉकडाउन की स्थिति में प्राय: लोग एक ही जगह बने रहते हैं, बैठे रहते हैं, सोए रहते हैं यानी पड़े रहते हैं और यह  स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इससे कई तरह की कठिनाइयां पैदा हो सकती हैं. इसके साथ ही साथ यह भी आवश्यक है कि संतुलित आहार लिया जाए. अर्थात अपने शरीर, मन और कार्य के बीच में एक संतुलन स्थापित किया जाए.

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