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गौरीशंकर राजहंस का ब्लॉग: भारतवंशियों की जीत से मजबूत हुए भारत और ब्रिटेन के रिश्ते

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 22, 2019 04:52 IST

इस बार लेबर पार्टी ने भयानक भूल कर दी. उसने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया जबकि भारत के लोगों ने भारी मत से 370 के हटाए जाने का समर्थन किया था. पिछले चुनाव की तुलना में इस बार कंजर्वेटिव पार्टी को 47 सीटों का फायदा हुआ. बोरिस जॉनसन ने अप्रवासी भारतीयों की नब्ज पहचान ली थी.

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ठळक मुद्देप्राप्त सूचना के अनुसार ब्रिटेन की आबादी 6 करोड़ है. इनमें ढाई प्रतिशत के लगभग भारतीय हैं.बोरिस जॉनसन एक दूरदर्शी व्यक्ति हैं. उन्होंने यह महसूस कर लिया था कि यदि सत्ता में आना है तो इतनी बड़ी आबादी की उपेक्षा नहीं की जा सकती है.

गौरीशंकर राजहंस 

हाल ही में ब्रिटेन में आम चुनाव हुआ. लोगों को उम्मीद थी कि पहले की तरह लेबर पार्टी इस चुनाव में भी जीत जाएगी परंतु बाजी मार ली कंजर्वेटिव पार्टी ने. 650 सीटों वाले सदन में कंजर्वेटिव पार्टी को बहुमत मिल गया और उसने सरकार भी बना ली. कंजर्वेटिव पार्टी शुरू से ही भारतीय मूल के लोगों की समर्थक रही है. उसके मुखिया बोरिस जॉनसन भारतीय मूल के लोगों के साथ विभिन्न मंदिरों में जाते थे और कहते थे कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करेंगे.

इस बार लेबर पार्टी ने भयानक भूल कर दी. उसने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया जबकि भारत के लोगों ने भारी मत से 370 के हटाए जाने का समर्थन किया था. पिछले चुनाव की तुलना में इस बार कंजर्वेटिव पार्टी को 47 सीटों का फायदा हुआ. बोरिस जॉनसन ने अप्रवासी भारतीयों की नब्ज पहचान ली थी.

वे भारतीय मूल के लोगों के साथ विभिन्न मंदिरों में गए और खुलकर कहा कि भारत का भविष्य कंजर्वेटिव पार्टी के साथ सुरक्षित है. इसी कारण उसके कई प्रत्याशी चुनाव जीत गए. पिछले चुनाव में लेबर पार्टी और भारत सरकार के रिश्ते बहुत मधुर थे. परंतु बीच में उनमें कटुता आ गई थी और लेबर पार्टी नहीं चाहती थी कि भारतीय छात्र ब्रिटेन आकर लंबे अरसे तक रहें और बाद में ब्रिटेन में नौकरी कर लें. परंतु कंजर्वेटिव पार्टी ने चुनाव शुरू होने से पहले ही कह दिया था कि वह भारतीयों को हर तरह की सुविधा देंगे.

प्राप्त सूचना के अनुसार ब्रिटेन की आबादी 6 करोड़ है. इनमें ढाई प्रतिशत के लगभग भारतीय हैं. बोरिस जॉनसन एक दूरदर्शी व्यक्ति हैं. उन्होंने यह महसूस कर लिया था कि यदि सत्ता में आना है तो इतनी बड़ी आबादी की उपेक्षा नहीं की जा सकती है. वे जहां-जहां सभा में गए, सब जगह उन्होंने भारत और नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे भारतीयों को हरसंभव सुविधा देंगे.

सत्ता पर काबिज होते ही उन्होंने यह ऐलान कर दिया कि भारतीय मूल के लोग दो वर्ष तक ब्रिटेन में रहने के बाद अपनी मर्जी का व्यवसाय भी ब्रिटेन में कर सकते हैं.

कुल मिलाकर भारतवंशियों की कद्र कंजर्वेटिव पार्टी में बहुत अधिक हो गई है. भारत में भी विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अब खुलेआम कह रहे हैं कि उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी के शासन में वीजा मिलने में कोई कठिनाई नहीं होगी और वे आराम से ब्रिटेन में पढ़ भी सकेंगे और कोई न कोई नौकरी कर सकेंगे.

कुल मिलाकर ब्रिटेन के आम चुनाव के परिणामों से भारतवंशियों का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है और अब दूसरे यूरोपीय देश भी भारतवंशियों की उपेक्षा नहीं कर पाएंगे. 

टॅग्स :बोरिस जॉनसनइंडियाब्रिटेन
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