संपादकीय: एनआरआई दूल्हों की मनमानी पर लगेगी लगाम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 15, 2019 05:03 AM2019-02-15T05:03:44+5:302019-02-15T05:03:44+5:30

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि  यदि आरोपी ने इसका जवाब नहीं दिया तो उसे घोषित अपराधी करार दिया जाएगा और उसकी संपत्ति को अटैच किया जा सकेगा.

Editorial: Nirmi bridges will look at the arbitrariness | संपादकीय: एनआरआई दूल्हों की मनमानी पर लगेगी लगाम

संपादकीय: एनआरआई दूल्हों की मनमानी पर लगेगी लगाम

सरकार द्वारा एनआरआई दूल्हों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया में उनसे शादी के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाना वक्त की जरूरत बन गया था, क्योंकि महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न हिस्सों से और खासकर पंजाब से एनआरआई दूल्हों द्वारा शादी के बाद दुल्हनों को छोड़कर जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. यही नहीं, उनसे र्दुव्‍यवहार करने की भी ढेरों शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते विदेशी दूल्हों पर शिकंजा कसने के लिए राज्यसभा में बुधवार को विधेयक पेश किया गया.

अब ऐसा करने वाले एनआरआई दूल्हों का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी. विदेश मंत्रलय ने पिछले साल बताया था कि तीन वर्षो में एनआरआई पतियों की तरफ से छोड़ी गई महिलाओं की तरफ से 3328 शिकायतें उसे मिल चुकी थीं. भगोड़े एनआरआई पतियों के खिलाफ वारंट जारी करने और उन्हें समन भेजे जाने के लिए एक पोर्टल तैयार करने की बात विदेश मंत्रलय ने कही थी.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि  यदि आरोपी ने इसका जवाब नहीं दिया तो उसे घोषित अपराधी करार दिया जाएगा और उसकी संपत्ति को अटैच किया जा सकेगा. दरअसल जब कोई एनआरआई दूल्हा किसी लड़की के साथ शादी कर उसे छोड़ कर चला जाता है तो भारत के कानून के तहत उसे देश में वापस लाना बहुत कठिन होता है. इसलिए ऐसे मामलों में उसे सजा दिलाना मुश्किल हो जाता है.

इस तरह के सैकड़ों मामले सामने आए हैं जब दुल्हन के हाथ की मेहंदी सूखने के पहले ही दूल्हा विदेश चला गया और फिर लौट कर नहीं आया, वहीं सेटल हो गया. लड़की का पिता इस उम्मीद में भारी भरकम दहेज भी देता है कि एनआरआई लड़का होने से उनकी लड़की को जिंदगी में तकलीफ नहीं ङोलनी पड़ेगी, लेकिन दहेज लोभी लड़के वाले उनका पैसा भी डकार जाते हैं और लड़की की जिंदगी भी तबाह कर देते हैं.

इसलिए ऐसे लोगों का पासपोर्ट और संपत्ति जब्त करने का कानून बनाना जरूरी हो गया था. लेकिन शादी के रजिस्ट्रेशन के बिना ऐसे दूल्हों को सजा दे पाना आसान नहीं था. इसलिए सरकार द्वारा एनआरआई दूल्हों से शादी के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाना सराहनीय कदम है और उम्मीद की जानी चाहिए कि इससे भारतीय बेटियों के साथ होने वाले र्दुव्‍यवहार पर रोक लग सकेगी.
 

Web Title: Editorial: Nirmi bridges will look at the arbitrariness

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