डॉ. आशीष दुबे का ब्लॉग: क्या कड़ाई को लेकर कमजोर पड़ रही है महाराष्ट्र सरकार
By डॉ. आशीष दुबे | Published: April 21, 2020 09:49 PM2020-04-21T21:49:05+5:302020-04-22T12:19:59+5:30
आंकड़ों को देख यह माना जा रहा है कि राज्य में लॉकडाउन जल्दी खत्म होने के आसार नजर नहीं आते. महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे व नागपुर में कोरोना पॉजिटिव के मामले अधिक है.
कोरोना वायरस का संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन जारी किया गया. महाराष्ट्र में मार्च माह में ही कोरोना वायरस से संक्रमित मामले सामने आया. उसे बाद मामले रोज तेज गति से बढ़ रहे है. आज स्थिति यह है कि महाराष्ट्र में सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या है. देश के दूसरे राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति बेहतर है. डॉक्टरों की संख्या भी अच्छी है. बावजूद इसके यहां रोजाना कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या बढ़ना निश्चित रूप से चिंता का विषय है. आमजन भी चिंतित है.
आंकड़ों को देख यह माना जा रहा है कि राज्य में लॉकडाउन जल्दी खत्म होने के आसार नजर नहीं आते. महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे व नागपुर में कोरोना पॉजिटिव के मामले अधिक है. इसके बाद राज्य के बाकी हिस्सों में भी रोगियों की संख्या बढ़ रही है. यह सर्वविदित है कि इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने वाले व्यक्ति के उपचार के लिए कोई टीका यह फिर दवा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में दो ही विकल्प कारगर माने जा रहे है. एक तो सोशल डिस्टेंसिंग व दूसरा विकल्प है लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराना. यह दोनों जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन के साथ आम नागरिकों की भी है.
मुंबई ही नहीं कई इलाकों में यह देखा जा रहा है कि कई लोग सोशल डिस्टेंसिंग व लॉकडाउन का खुलेआम उल्लंघन कर रहे है. वेवजह घरों से बाहर निकल रहे है. ऐसा नहीं है कि उन्हें कोरोना वायरस की गंभीरता का अंदाजा नहीं है. बावजूद इसके वे अपने साथ ही दूसरों की जान खतरे में डालने में कोई संकोच नहीं कर रहे है. इस स्थिति को देखते हुए एकमात्र यही विकल्प बचता है कि सरकार को कड़ा रुख अपनाते हुए लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराए. लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा होते नजर नहीं आ रहा है.
यह नजर आ रहा है कि सरकार कड़ाई करने के मामले में कमजोर पड़ती जा रही है. कड़ाई नहीं करने के पीछे क्या वजह है यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है. नतीजतन, लोग मनमानी कर रहे है. यदि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना है तो यह जरूरी है कि सरकार को कड़ा रुख अपनाना पड़ेगा. पुलिस व प्रशासन को बेवजह घरों से बाहर निकलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश देने होगे. चाहे आम हो या खास चेहरा व पहचान कोई भी हो यदि नियमों व गाइडलाइन का उल्लंघन करते पाए जाने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी जरूरी है. ताकि लोग गंभीरता से स्थिति को ले. लॉकडाउन का पालन करते हुए वेवजह सड़क, गली, मोहल्ले व चौराहों पर घूमने से बाज आए.