ब्लॉग: विकसित भारत के लिए अधिक खुशहाली की दरकार

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: April 6, 2024 10:35 AM2024-04-06T10:35:56+5:302024-04-06T10:36:42+5:30

यद्यपि जून 2024 में गठित होने वाली नई सरकार के मूर्त रूप लेने में दो माह बाकी हैं लेकिन 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य के तहत आम आदमी की खुशहाली बढ़ाने की जरूरत के मद्देनजर अभी से प्रशासनिक स्तर पर रणनीति बनाई जानी शुरू हो गई है।

Developed India needs more prosperity | ब्लॉग: विकसित भारत के लिए अधिक खुशहाली की दरकार

Photo credit twitter

Highlights 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य के तहत आम आदमी की खुशहाली बढ़ाने की जरूरत के मद्देनजर अभी से प्रशासनिक स्तर पर रणनीति बनाई जानी शुरू हो गई है 21 मार्च को प्रकाशित विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2024 को भी ध्यान में रखा जाना जरूरी हैजिसमें 143 देशों में भारत को 126वां स्थान दिया गया है

यद्यपि जून 2024 में गठित होने वाली नई सरकार के मूर्त रूप लेने में दो माह बाकी हैं लेकिन 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य के तहत आम आदमी की खुशहाली बढ़ाने की जरूरत के मद्देनजर अभी से प्रशासनिक स्तर पर रणनीति बनाई जानी शुरू हो गई है। देश के आम आदमी के जीवन स्तर में वृद्धि, गरीबी में कमी, रोजगार के मौके बढ़ाने जैसे विभिन्न मुद्दों पर अधिक प्रयासों से ही देश खुशहाली के उस स्तर पर पहुंच सकता है, जो कि विकसित भारत की महत्वपूर्ण दरकार है।

इस परिप्रेक्ष्य में हाल ही में 21 मार्च को प्रकाशित विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2024 को भी ध्यान में रखा जाना जरूरी है। जिसमें 143 देशों में भारत को 126वां स्थान दिया गया है। गौरतलब है कि विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2024 के तहत सामाजिक सहयोग, आय, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचारमुक्त वातावरण जैसे कारकों के आधार पर विश्व भर के देशों का आकलन कर रैंकिंग तैयार की गई है।

यद्यपि इस वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद दुनिया के कोने-कोने से लोग इसे अतार्किक और अविश्वसीय बनाते हुए टिप्पणियां कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि यूरोपीय विद्वानों के द्वारा निर्धारित विभिन्न मापदंडों पर आधारित खुशहाली की रैंकिंग देने वाली यह सूची भ्रमित करने वाली है।

चाहे खुशहाली की सूची में विभिन्न देशों की रैंकिंग अनुचित और अन्यायपूर्ण ढंग से की गई है लेकिन हमें भारत में आम आदमी के आर्थिक कल्याण, आम आदमी की आमदनी बढ़ाने तथा खुशहाली के विभिन्न पैमानों पर बहुत आगे बढ़ने के लिए अभी मीलों चलना है। 21 मार्च को प्रकाशित न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022-23 में भारत की कुल आय का 22.6 फीसदी हिस्सा सबसे अमीर 1 फीसदी लोगों के पास गया

वर्ष 2022-23 में देश की सबसे अमीर 1 फीसदी आबादी के पास राष्ट्रीय संपत्ति का 39.5 फीसदी हिस्सा था, जबकि सबसे गरीब 50 फीसदी आबादी के पास केवल 6.5 फीसदी हिस्सा था। यह परिदृश्य बताता है कि भारत में असमानता बढ़ी है। हमें देश में मानव विकास के विभिन्न पैमानों पर तेजी से आगे बढ़ने पर ध्यान देना होगा। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) रिपोर्ट 2022 में भारत 193 में से 134वें स्थान पर है। यद्यपि भारत की रैंकिंग में पिछले वर्ष की एचडीआई-2021 रिपोर्ट के मुकाबले एक पायदान का सुधार हुआ है। हम उम्मीद करें कि देश में करोड़ों लोगों की गरीबी, भूख, कुपोषण, डिजिटल शिक्षा, रोजगार, उद्यमिता, ग्रामीण युवाओं के तकनीकी प्रशिक्षण और स्वास्थ्य की चुनौतियों को कम करने के लिए सरकार रणनीतिक रूप से, हरसंभव तरीके से कारगर प्रयासों की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगी।

Web Title: Developed India needs more prosperity

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे