केंद्र सरकार किसानों की समस्याएं समझ नहीं पा रही है या समझना नहीं चाहती है?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 5, 2020 02:08 PM2020-12-05T14:08:47+5:302020-12-05T14:10:11+5:30

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों के साथ बैठक करने के लिए विज्ञान भवन पहुंचे। आज किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की वार्ता होगी।

delhi chalo haryana punjab farmer protest central government problems pm narendra modi | केंद्र सरकार किसानों की समस्याएं समझ नहीं पा रही है या समझना नहीं चाहती है?

देशभर में किसान संगठन पीएम मोदी के पुतले फूकेंगे. (file photo)

Highlightsअपने हक के लिए आए हैं, लड़ाई आर-पार की है, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा, टोल प्लाजा को रोका जाएगा.

नए कृषि कानूनों को खत्म करने को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इस संबंध में किसानों के साथ केन्द्र सरकार की चार दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं तथा पांचवें दौर की वार्ता शनिवार, 5 दिसंबर 2020 को होगी.

जिस तरह से केन्द्र सरकार समय काट रही है और किसानों को सुनने-समझने के बजाय अपनी बात समझाने पर फोकस है, उसे देखते हुए बड़ा सवाल यही है कि केन्द्र सरकार किसानों की समस्याएं समझ नहीं पा रही है या समझना नहीं चाहती है?

हालांकि, गुजरते समय के साथ किसानों के तेवर ज्यादा आक्रामक होते जा रहे हैं और केन्द्र सरकार के सामने आंदोलन समाप्त करवाने के लिए किसानों के समक्ष समर्पण के अलावा कोई दूसरा रास्ता बचा नहीं है, क्योंकि सरकार के मन का समझौता कोई किसान संगठन कर भी लेता है, तो शेष संगठनों को इसके लिए राजी करना मुश्किल है.

खबरें हैं कि गुरुवार को केंद्र सरकार के साथ हुई बातचीत के संबंध में शुक्रवार को एक बार फिर एक बार फिर किसान संगठनों ने आपस में चर्चा की और संयुक्त किसान मोर्च की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने बताया कि- हमने तय किया है कि तीनों कानून को रद्द करे बिना नहीं मानेंगे.

केन्द्र सरकार कुछ संशोधन करने को तैयार है, लेकिन हमने सरकार से साफ कहा है कि सरकार तीनों कानून वापस ले. किसान नेता हरिंदर पाल लखोवाल के हवाले से खबर है जिसमें उनका कहना है कि- हमने सरकार से गुरुवार को बात की है और हमने साफ कहा है कि तीनों कानून वापस ले. किसानों का कहना है कि वे यहां अपने हक के लिए आए हैं, लड़ाई आर-पार की है, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.

इतना ही नहीं, यदि 5 दिसंबर की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला, तो किसानों का मंगलवार, 8 दिसंबर 2020 को पूरे भारत में बंद का आह्वान है. खबरों पर भरोसा करें तो किसान नेता अक्षय कंवर का साफ कहना है कि- आज की किसानों की बैठक में तीन निर्णय हुए हैं, एक- 5 दिसंबर को जब सरकार से बात होगी तो साफ कर दिया जाएगा कि तीनों कानूनों को वापस लिए जाने के अलावा कोई बातचीत नहीं होगी, दो- देशभर में किसान संगठन पीएम मोदी के पुतले फूकेंगे और तीन- 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा, टोल प्लाजा को रोका जाएगा.

याद रहे, एक हफ्ते से ज्यादा समय से लाखों की संख्या में पंजाब, हरियाणा और आसपास के राज्यों के किसान दिल्ली की विभिन्न प्रदेशों से लगने वाली सीमाओं पर जमे हुए हैं. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो आंदोलन अब दिन-प्रतिदिन विशाल देशव्यापी आंदोलन होता जा रहा है और विभिन्न राज्यों से इसे समर्थन भी मिल रहा है!

Web Title: delhi chalo haryana punjab farmer protest central government problems pm narendra modi

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