आतंकवादी हमलों को हल्के में लेने की गलती न करें, अवधेश कुमार का ब्लॉग

By अवधेश कुमार | Published: July 8, 2021 01:34 PM2021-07-08T13:34:30+5:302021-07-08T13:36:03+5:30

बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश, हैदराबाद तक पहुंचने के साथ धीरे-धीरे इसके सूत्न सीमा पार पाकिस्तान से भी जुड़े हैं, उनको विस्मय की नजर से देखा जाना स्वाभाविक है.

Darbhanga railway station bihar bomb Blast parcel Don't make mistake taking terrorist attacks Avadhesh Kumar's blog | आतंकवादी हमलों को हल्के में लेने की गलती न करें, अवधेश कुमार का ब्लॉग

पार्सल में दरभंगा स्टेशन पर विस्फोट हुआ वह सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस से भेजा गया था.

Highlightsएनआईए द्वारा जांच हाथ में लेने के बाद जिस ढंग से बड़ी आतंकवादी साजिश की परतें खुल रही हैं.उत्तर प्रदेश के शामली निवासी इमरान खान उर्फ इमरान मलिक और नासिर खान उर्फ नासिर मलिक को गिरफ्तार किया.उत्तर प्रदेश के ही कैराना के दो अन्य संदिग्धों हाजी सलीम और कफील को भी गिरफ्तार किया था.

बिहार में इस समय एक बड़ी आतंकवादी साजिश के खुलासे ने पूरे देश को चौंका दिया है. पिछले 17 जून को जब दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में विस्फोट हुआ था तो बहुत कम लोगों ने इसे गंभीरता से लिया. किंतु बिहार पुलिस को इसमें आतंकवाद का पहलू दिखा.

एनआईए द्वारा जांच हाथ में लेने के बाद जिस ढंग से बड़ी आतंकवादी साजिश की परतें खुल रही हैं और बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश, हैदराबाद तक पहुंचने के साथ धीरे-धीरे इसके सूत्न सीमा पार पाकिस्तान से भी जुड़े हैं, उनको विस्मय की नजर से देखा जाना स्वाभाविक है.

पिछले दिनों एनआईए ने हैदराबाद से उत्तर प्रदेश के शामली निवासी इमरान खान उर्फ इमरान मलिक और नासिर खान उर्फ नासिर मलिक को गिरफ्तार किया.  इसके पहले उसने उत्तर प्रदेश के ही कैराना के दो अन्य संदिग्धों हाजी सलीम और कफील को भी गिरफ्तार किया था. ध्यान दीजिए, शामली निवासी नासिर और इमरान दोनों भाई हैं.

जिस पार्सल में दरभंगा स्टेशन पर विस्फोट हुआ वह सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस से भेजा गया था. इसमें एक सेंसर भी लगाया गया था. संयोग से केमिकल बम जितना शक्तिशाली हो सकता था, नहीं बन पाया. इस कारण रेल के पार्सल वैन में वह विस्फोट नहीं कर सका अन्यथा कितनी भयावह स्थिति होती, उसकी कल्पना मात्न से सिहरन पैदा होती है.

 अब तक सामने आए इनके संजाल को देखिए. जितनी जानकारी सामने आई है उसके अनुसार नासिर वर्ष 2012 में पाकिस्तान गया था. वहां उसका संबंध लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा. उसने लश्कर के निर्देश पर रेलों में बड़े विस्फोट करने की योजना पर काम किया था. कैराना के गिरफ्तार दोनों संदिग्ध हाजी सलीम और कफील के बारे में जानकारी आई है कि कैराना का ही लश्कर आतंकवादी इकबाल काना पाकिस्तान में रह रहा है. वह भारत में आतंकवादियों की भर्ती करता है, लक्ष्य देता है तथा आवश्यक वैचारिक और वित्तीय या अन्य संसाधन या तो उपलब्ध कराता या उसके रास्ते बताता है.

काना ने ही इन सबको दरभंगा के अलावा अन्य जगह विस्फोटों की जिम्मेवारी दी थी. काना ने केमिकल बम बनाने का फार्मूला सलीम के मोबाइल पर भेजा था. इमरान और नासिर ने ही सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस से पार्सल बुक किया  था. संयोग कहिए कि सिकंदराबाद स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में ये चिन्हित हो गए. वहां से भेजे गए पार्सल में कफील ने जो मोबाइल नंबर लिखाया वह शामली का ही था.

पार्सल बम का फोटो पाकिस्तान के उसी नंबर पर भेजा जिससे वीडियो मिली थी और बताया कि काम हो गया. मोबाइल कॉल डिटेल से पता चला है कि  पुरानी दिल्ली के कुछ हवाला कारोबार करने वालों के माध्यम से धन भेजे गए थे. पूरी जानकारी सामने आने में अभी समय लगेगा लेकिन यह बिल्कुल साफ है कि ये रेल में बहुत बड़ा विस्फोट करना चाहते थे.

डिब्बों के साथ पटरियां आदि विस्फोट में उड़ाकर विनाश की भयावह तस्वीर पैदा करने की योजना थी. फार्मूले को ठीक प्रकार से इन्होंने इस्तेमाल नहीं किया और  केमिकल बम एक साधारण विस्फोटक बनकर रह गया. अगर वाकई शक्तिशाली विस्फोट होता तो भयानक चीख-पुकार मचती और विस्फोट किसी स्टेशन पर होता तो रेलवे के अलावा वहां भी मानवीय क्षति अवश्य होती.

तो हम कई प्रकार की क्षति से बच गए लेकिन साफ हो गया कि भारत में आतंकवाद का खतरा आज भी पूरी तरह मौजूद है. ये पकड़े नहीं जाते तो आगे विस्फोट की फिर कोशिश करते. दरभंगा पार्सल विस्फोट की जांच में अभी बहुत सारे तथ्य सामने आएंगे. संभव है पिछली आतंकवादी घटनाओं के भी कुछ नए तथ्य सामने आएं. निश्चित रूप से इनके आधार पर देश के स्तर पर कार्रवाई होगी.

लेकिन बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन की भी जिम्मेवारी है कि पिछली घटनाओं की छानबीनों में जो प्रमाण सामने आए तथा पुख्ता संदेश चिन्हित हुए उन सबकी एक बार सुरक्षात्मक दृष्टि से पुनर्समीक्षा हो और आवश्यकतानुसार उपयुक्त कार्रवाई की जाए.

प्रदेश सरकार को केंद्र से समन्वय बिठाकर पुलिस अधिकार संपन्न टीम से किसी शीर्ष अधिकारी या न्यायाधीश की मॉनिटरिंग में समग्र जांच कराकर सफाई अभियान चलाने पर अवश्य विचार करना चाहिए. ऐसा नहीं करना प्रदेश की सुरक्षा के प्रति अपराध होगा और यह कभी भी हमारे लिए बड़े विध्वंस का कारण बन सकता है.

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