बाल नृत्यांगना तुलसी ने 'विश्व शांति' के लिए की यक्षगान नृत्यकला मिशन की शुरुआत

By अनुभा जैन | Updated: October 9, 2023 11:53 IST2023-10-09T11:50:55+5:302023-10-09T11:53:18+5:30

पत्रकार राघवेंद्र बेट्टाकोप्पा और कवि गायत्री की बेटी, 15 वर्षीय तुलसी कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में 500 साल पुरानी यक्षगान नृत्य नाटिका कला में निपुणता हासिल कर संपूर्ण भारत में अब तक 800 नृत्य प्रस्तुतियाँ दे चुकी हैं। 

Child dancer Tulsi started Yakshagana choreography mission for 'World Peace' | बाल नृत्यांगना तुलसी ने 'विश्व शांति' के लिए की यक्षगान नृत्यकला मिशन की शुरुआत

बाल नृत्यांगना तुलसी ने 'विश्व शांति' के लिए की यक्षगान नृत्यकला मिशन की शुरुआत

Highlightsतुलसी राघवेंद्र हेगड़े कर्नाटक की एक प्रसिद्व बाल नृत्यांगना और नृत्य जगत का जाना माना नाम है।बालिका तुलसी ने साढ़े तीन साल की उम्र में अपना पहला स्टेज परफॉर्मेंस दिया था और जब वह मुश्किल से चार साल की थी।

बेंगलुरु: तुलसी राघवेंद्र हेगड़े कर्नाटक की एक प्रसिद्व बाल नृत्यांगना और नृत्य जगत का जाना माना नाम है। पत्रकार राघवेंद्र बेट्टाकोप्पा और कवि गायत्री की बेटी, 15 वर्षीय तुलसी कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में 500 साल पुरानी यक्षगान नृत्य नाटिका कला में निपुणता हासिल कर संपूर्ण भारत में अब तक 800 नृत्य प्रस्तुतियाँ दे चुकी हैं। 

बालिका तुलसी ने साढ़े तीन साल की उम्र में अपना पहला स्टेज परफॉर्मेंस दिया था और जब वह मुश्किल से चार साल की थी, तब उसने प्रसिद्व नर्तकियों और कलाकारों के साथ मंच साझा किया। 

9वीं कक्षा में पढ़ रही तुलसी मालेनाडु में रहती है जो सिरसी शहर से 8 किमी दूर तटीय कर्नाटक में उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित हमहज 5 साल की उम्र में यक्षगान नृत्य नाटक कला के प्रदर्शन के जरिये तुलसी ने विश्व शांति के लिए एक मिशन की शुरूआत की। 

राघवेंद्र बेट्टाकोप्पा बात करते हुये बताते हैं, "तुलसी अपनी मां के गर्भ से ही यक्षगान कला से जुड़ गयी थी क्योंकि उनकी मां गायत्री गर्भावस्था के दौरान यक्षगान गाने सुनती और गाती थीं। जैसे ही तुलसी अपने पैरों पर खड़ी हुईं, गायत्री ने तुलसी का इस ओर रूझान देख उसे यक्षगान नृत्य सिखाना शुरू कर दिया।"

तुलसी यक्षगान में आज एकल मंच प्रस्तुति देती हैं और एक एकल कलाकार के रूप में पौराणिक कथाओं पर आधारित नाटकों की कथा जैसे रामायण, महाभारत और गीता के पात्रों की विभिन्न भूमिकाएँ निभाती हैं। वह अपने प्रदर्शन के माध्यम से अंगद, लोहिताश्व, भगवान कृष्ण, अर्जुन, देवकी और कई अन्य महाकाव्य पात्रों को खूबसूरती से चित्रित करती हैं। शाही 8-10 किग्रा. वजनी पोशाकें, भारी मेकअप और आभूषण, तुलसी के जीवंत चेहरे के भाव दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते हैं।

कई जिला, राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानितुलसी ने मुझसे बात करते हुये कहा कि, "यक्षगान के सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए, मैं इस नृत्य शैली को पूरे भारत में लोकप्रिय बनाना चाहती हूं।" पिछले 7 से 8 वर्षों में तुलसी ने सात अलग-अलग कॉन्सेप्ट-आधारित शो दिए हैं और उनकी उपलब्धियों को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली है।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यक्षगान नृत्य नाटक शैली कर्नाटक के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों का प्रमुख भारतीय थिएटर रूप है जो नृत्य, संगीत, संवाद, पोशाक, मेकअप और मंच तकनीकों को जोड़ती है। इस कला रूप में प्रत्येक प्रदर्शन प्राचीन हिंदू महाकाव्यों रामायण या महाभारत की एक छोटी उप-कहानी (जिसे 'प्रसंग' के नाम से जाना जाता है) पर केंद्रित रहता है।

Web Title: Child dancer Tulsi started Yakshagana choreography mission for 'World Peace'

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