ब्लॉग: गरीब आम आदमी के रहनुमा हो रहे अमीर!

By राजकुमार सिंह | Published: September 21, 2023 10:54 AM2023-09-21T10:54:04+5:302023-09-21T11:04:20+5:30

भारत जैसे गरीब देश के निर्वाचित प्रतिनिधियों मसलन सांसदों-विधायकों की संपत्ति जिस रफ्तार से बढ़ रही है, वह किसी जादुई चिराग का ही चमत्कार लगता है।

Blog: Poor common man's leaders are becoming rich! | ब्लॉग: गरीब आम आदमी के रहनुमा हो रहे अमीर!

फाइल फोटो

Highlightsभारत जैसे गरीब देश के निर्वाचित प्रतिनिधियों की बढ़ती संपत्ति किसी चमत्कार से कम नहीं है4001 विधायकों द्वारा नामांकन के समय भरे गये शपथ पत्रों से पता चलता है कि 88 अरबपति हैंकर्नाटक इस मामले में शीर्ष पर है, उसके 223 में से 32 यानी 14 फीसदी विधायक अरबपति हैं

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की एक रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चालू वर्ष में देश में प्रति व्यक्ति आय दो लाख रुपए प्रतिवर्ष है। उधर दूसरा आंकड़ा यह है कि कोरोना काल में लगभग 80 करोड़ गरीबों को हर माह पांच किलो सूखा राशन मुफ्त देने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना दिसंबर, 2023 तक बढ़ानी पड़ी है। जाहिर बात है, इनकी आय इतनी भी नहीं कि दो वक्त का भोजन खुद जुटा सकें।

स्टेट बैंक की रिसर्च रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि भारत में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2047 में 14.90 लाख रुपए प्रतिवर्ष हो जाएगी। प्रति व्यक्ति आय कितनी बढ़ी है और भविष्य में कितनी बढ़ जाएगी-यह अहसास की बात है, लेकिन इस गरीब देश के निर्वाचित प्रतिनिधियों मसलन सांसदों-विधायकों की संपत्ति जिस रफ्तार से बढ़ रही है, वह किसी जादुई चिराग का ही चमत्कार लगता है।

काश, वे इस चिराग से जन साधारण की संपन्नता भी मांग लें। असल में तो सांसद-विधायक को जनता का प्रतिनिधि ही नहीं, प्रतिबिंब भी होना चाहिए लेकिन चुनाव सुधार और मतदाता-जागरण के लिए सक्रिय एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच सरीखी संस्थाओं के आंकड़े बताते हैं कि हमारे सांसद-विधायकों की संपत्ति चमत्कारिक रफ्तार से बढ़ रही है।

इन संस्थाओं ने स्वयं सांसदों द्वारा, चुनाव पूर्व नामांकन के साथ दाखिल शपथ पत्रों का विश्लेषण कर बताया है कि वर्ष 2009 से 2019 के बीच फिर से चुने गए 71 लोकसभा सदस्यों की संपत्ति की औसत वृद्धि दर 286 प्रतिशत रही है।

हमारे देश में विधायक भी संपन्नता में पीछे नहीं है। 28 राज्यों और दो केंद्रशासित क्षेत्रों के 4001 विधायकों के नामांकन के समय दाखिल शपथ पत्रों का विश्लेषण बताता है कि उनमें से 88 अरबपति हैं। कर्नाटक इस मामले में शीर्ष पर है। उसके 223 में से 32 यानी 14 प्रतिशत विधायक अरबपति हैं बाकी कोई राज्य दहाई नहीं छू पाता। उत्तर प्रदेश तो एक प्रतिशत से भी पीछे है।

कहना न होगा कि कुछ अपवाद भी हैं, जैसे सबसे गरीब पश्चिम बंगाल से भाजपा विधायक निर्मल कुमार धारा हैं, जिनकी संपत्ति मात्र 1700 रुपए बताई गई है लेकिन विधायक धारा अपवाद हो सकते हैं, अकेले दम पर  राजनीति की धारा नहीं बदल सकते।

देश में विधायकों की औसत संपत्ति का आंकड़ा 16.36 करोड़ रुपए है। वैसे एक महत्वपूर्ण आंकड़ा यह भी है कि आपराधिक दामनवाले विधायकों की औसत संपत्ति पाक दामनवालों से ज्यादा है।

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