ब्लॉग: निष्ठा, ईमानदारी और मेहनत का सम्मान

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: December 20, 2023 09:49 AM2023-12-20T09:49:24+5:302023-12-20T09:54:54+5:30

आज देशभर में एक ही संदेश है कि अगर तुम मेहनती हो, पार्टी के वफादार हो, देश के वफादार हो, एक अच्छे कार्यकर्ता हो तो आपका भविष्य सुरक्षित है।

Blog: Loyalty, honesty and respect for hard work | ब्लॉग: निष्ठा, ईमानदारी और मेहनत का सम्मान

ब्लॉग: निष्ठा, ईमानदारी और मेहनत का सम्मान

Highlightsआज की राजनीति ने सबको आश्चर्य में डाल दिया, खासकर भाजपा या यूं कह लो मोदी जी नेआज देशभर में एक ही संदेश है कि अगर तुम मेहनती हो, ईमानदार हो तो तुम्हारा भविष्य उज्जवल हैराजस्थान में भजनलाल शर्मा की नियुक्ति ने विपक्ष ही नहीं भाजपा के लोगों को भी हैरान कर दिया

वाह! भई वाह, क्या बात है! आज की राजनीति ने तो सबको आश्चर्य में डाल दिया, खासकर भाजपा या यूं कह लो मोदी जी ने... आज देशभर में एक ही संदेश है कि अगर तुम मेहनती हो, पार्टी के वफादार हो, देश के वफादार हो, एक अच्छे कार्यकर्ता हो तो आपका भविष्य सुरक्षित है। चाहे आप किसी वर्ग, किसी जाति के हों। एक साधारण कार्यकर्ता को, उसकी ईमानदारी को, उसके काम को पहचाना जाता है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर भजनलाल शर्मा की नियुक्ति ने विपक्ष के साथ-साथ भाजपा के लोगों को भी हैरान कर दिया। वह पहली बार सांगानेर से विधायक बने और सीधे सीएम बना दिए गए। वह 56 साल के हैं लेकिन 22 साल पहले सरपंच भी बने और अब सरपंच से सीधे सीएम बने।

सबसे अच्छी बात उनकी यह लगी कि इतने बड़े पद पर शपथ लेने से पहले उन्होंने अपने माता-पिता के चरण धोये, उनकी पूजा की, फिर गाय माता की पूजा की। उनके साथ राजकुमारी दीया भी उपमुख्यमंत्री बनीं यानी कि आप अमीर हो, गरीब हो, छोटे हो, बड़े हो कोई फर्क नहीं पड़ता। बस आप एक अच्छे कार्यकर्ता होने चाहिए।

इसी तरह छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय आदिवासी पृष्ठभूमि से हैं और वह भी बहुत ही साधारण हैं। जात-पांत से ऊपर उठकर सबका काम करते हैं और बड़ी बात यह है कि दिखावे से दूर हैं। मुझे पूरा यकीन है उनके काम को मोदी जी ने परखा होगा तथा संगठन तक बात पहुंची होगी। उन्हें सीएम पद मिला है तो यह उनके काम का ही परिणाम है। उन्होंने भी पहले अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया, पूजा की, तब सीएम पद ग्रहण किया।

यही नहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की बात करें तो वह उज्जैन से जुड़े हैं और एक बहुत ही साधारण परिवार से आते हैं। वह 58 साल की उम्र में सीएम बने और शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भी रहे हैं। बहुत ही शिक्षित हैं, बीएससी, एलएलबी और पीएचडी करने के बावजूद कभी शिक्षा को लेकर गर्व दिखाया नहीं और आरएसएस की गहरी पृष्ठभूमि रही है।

मृदुभाषी और विनम्रता इनका सबसे बड़ा गुण है। इनकी काबिलियत अपने काम में लगे रहना है और शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों की समस्याएं और आगे क्या किया जा सकता है उसे लेकर काम करते रहे हैं। उनके इसी गुण को टीम मोदी ने पहचाना, संगठन ने परखा तथा आज परिणाम सबके सामने है।

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भाजपा के दिग्गज पार्टी और वर्कर के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं। वर्कर में कमिटमेंट होनी चाहिए। यदि एक आम आदमी, साधारण व्यक्ति शासक बनता है तो वह एक आम व्यक्ति का दुःख-दर्द, जरूरत सब जानता है। उसके जीवन में कहां-कहां क्या कठिनाइयां आती हैं वह समझता है तो वह एक आदर्श सीएम बन सकता है।

Web Title: Blog: Loyalty, honesty and respect for hard work

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