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ब्लॉगः क्या कोई वजह है जिससे भारत को पाकिस्तान की करनी चाहिए मदद...

By आरके सिन्हा | Updated: March 4, 2023 16:50 IST

हमारे यहां से पाकिस्तान को मदद देने की मांग भले ही हो रही है, पर क्या पाकिस्तान ने भारत से किसी तरह की कोई गुजारिश की है? अब तक तो नहीं। वहां के यूट्यूब चैनलों को देख लें। सब भारत तथा हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते हुए मिल जाएंगे। अब भी वहां पर भारत विरोधी शक्तियां हावी हैं। पाकिस्तान के खून में भारत तथा हिंदू विरोध है।

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पाकिस्तान में आजकल भयंकर हाहाकार मचा हुआ है। महंगाई के कारण आम पाकिस्तानी दाने-दाने को मोहताज हैं। बेरोजगारी, अराजकता और कट्टरपंथियों की करतूतों ने पाकिस्तान को तबाह कर दिया है। यह स्थिति दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। अब हमारे यहां के कुछ उदारवादी कह रहे हैं कि भारत को चाहिए कि वह पाकिस्तान की मदद करे। उनसे पूछा जाना चाहिए कि जो मुल्क भारत पर 1948, 1965, 1971 और फिर कारगिल पर हमला कर चुका हो, उसको लेकर इतना उदारता का रवैया अपनाने का क्या मतलब है। उसी पाकिस्तान की तरफ से मुंबई में 2008 में भीषण आतंकी हमला हुआ। उसके बाद मुंबई हमेशा-हमेशा के लिए बदल गया। 

26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने समुद्री मार्ग से मुंबई में प्रवेश किया और मुंबई में कई स्थानों पर अचानक हमला कर दिया। 28 नवंबर तक ताज होटल को छोड़कर सभी हमले किए गए स्थलों को सुरक्षा बलों ने अपने कब्जे में ले लिया था। अगले दिन, एनएसजी कमांडो ने होटल में प्रवेश किया और आतंकवादियों को मार गिराया, पर उस आतंकी हमले में सैकड़ों लोगों की जानें गईं और हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हो गई। इसके बावजूद पाकिस्तान में उस हमले के मास्टर माइंड खुलेआम घूम रहे हैं। उन्हें पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना का संरक्षण हासिल है। अगर कोई सोच रहा है कि मुंबई हमलों के बाद सब कुछ शांत हो गया था, तो वे फिर पठानकोट और उसके बाद उरी की घटनाओं को याद कर लें। पाकिस्तान की सरपरस्ती में सरहद पार से आए आतंकवादियों ने भारतीय सेना के पठानकोट तथा उरी के ठिकानों पर सुनियोजित हमले किए।

हमारे यहां से पाकिस्तान को मदद देने की मांग भले ही हो रही है, पर क्या पाकिस्तान ने भारत से किसी तरह की कोई गुजारिश की है? अब तक तो नहीं। वहां के यूट्यूब चैनलों को देख लें। सब भारत तथा हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते हुए मिल जाएंगे। अब भी वहां पर भारत विरोधी शक्तियां हावी हैं। पाकिस्तान के खून में भारत तथा हिंदू विरोध है। पाकिस्तानी सेना कभी भारत के साथ मैत्री नहीं करना चाहेगी। वहां की सेना पर किसी का जोर नहीं है। पाक सरकार का भी नहीं। आप पाकिस्तान आर्मी के गुजरे दौर के पन्नों को खंगाल लें। पता चल जाएगा कि वह किस हद तक भारत विरोधी रही है। पाकिस्तानी सेना पर पंजाबियों का वर्चस्व साफ है। ये भारत विरोधी है। इसके अलावा, पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में कट्टरपन सबसे ज्यादा है। पड़ोसी मुल्क ने हमारे साथ कभी पड़ोसी धर्म का निर्वाह नहीं किया। उसने सिर्फ भारत का अहित ही चाहा है। इस तरह के मुल्क की हम मदद किसलिए करें और क्यों करें?

टॅग्स :पाकिस्ताननरेंद्र मोदीहिंदी समाचार
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