ब्लॉग: चुनावी साल में नए अंतरिम बजट से उम्मीदें

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: January 30, 2024 11:05 AM2024-01-30T11:05:18+5:302024-01-30T11:17:26+5:30

एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले वर्ष 2024 के अंतरिम बजट की तैयारियों का अंतिम चरण 24 जनवरी को हलवा वितरण समारोह के साथ आरंभ हुआ।

Blog: Expectations from the new interim budget in the election year | ब्लॉग: चुनावी साल में नए अंतरिम बजट से उम्मीदें

ब्लॉग: चुनावी साल में नए अंतरिम बजट से उम्मीदें

Highlightsदेश में जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं, उस वर्ष दो बजट आते हैंएक होता है अंतरिम बजट और दूसरा होता है पूर्ण बजट अंतरिम बजट में नई सरकार बनने तक की व्यय जरूरतों को पूरा करने का उद्देश्य होता है

एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले वर्ष 2024 के अंतरिम बजट की तैयारियों का अंतिम चरण 24 जनवरी को हलवा वितरण समारोह के साथ आरंभ हुआ। पिछले तीन पूर्ण बजट की तरह नया अंतरिम बजट भी पूरी तरह से पेपरलेस होगा। वस्तुतः देश में जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं, उस वर्ष दो बजट आते हैं।

एक अंतरिम बजट और दूसरा पूर्ण बजट होता है। सामान्यतया अंतरिम बजट में नई सरकार बनने तक की व्यय जरूरतों को पूरा करने का उद्देश्य होता है। लेकिन अधिकांश अंतरिम बजटों में लोक लुभावन योजनाओं और बड़ी-बड़ी राहतों का ढेर लगाया जाता रहा है। इस बार वित्त मंत्री सीतारमण वित्तीय अनुशासन के साथ आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जरूरी राहतों और आर्थिक कल्याण की योजनाओं से संतुलित अंतरिम बजट पेश करते हुए दिखाई दे सकती हैं।

नि:संदेह इस समय वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट को अंतिम रूप देते समय दो अहम मसले वित्त मंत्री के समक्ष हैं। एक का संबंध उस राजकोषीय गुंजाइश और आकार से है जो फिलहाल केंद्र सरकार के पास अनुकूल स्थिति में है और दूसरा मुद्दा आगामी आम चुनावों में आवश्यक चुनावी लाभ हासिल करने के लिए कुछ नई व्यय योजना की घोषणा और आर्थिक कल्याण को लेकर सरकार की राजनीतिक अनिवार्यता से संबंधित है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि अंतरिम बजट लेखानुदान होगा। पूर्ण बजट लोकसभा चुनावों के परिणामों के कोई एक माह बाद आने की संभावना रहेगी। कहा जा रहा है कि वर्ष 2000 के बाद प्रस्तुत हुए तीन अंतरिम बजटों में जिस तरह लोक लुभावन बड़ी घोषणाएं की गई थीं और कर उपायों की अनदेखी की गई, वह वैसा नहीं करने जा रही हैं।

उनके द्वारा लोकसभा चुनाव के पूर्व प्रस्तुत किए जाने वाले नए अंतरिम बजट में वैसी बड़ी-बड़ी लोक लुभावन योजनाओं को शामिल नहीं किया जाएगा। यह भी महत्वपूर्ण है कि नए अंतरिम बजट के समय वित्त मंत्री सीतारमण के पास आयकर परिदृश्य पर सकारात्मक बदलाव होने का अनुकूल परिदृश्य मौजूद है। हाल ही में एसबीआई की रिसर्च विंग के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2014 से 2022 के पिछले आठ वर्षों में आयकर रिटर्न भरने वाले आयकरदाताओं की संख्या और आयकर की प्राप्ति में भारी वृद्धि हुई है।

2023-24 के 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न रिकॉर्ड 8.18 करोड़ के स्तर को पार कर चुका है। पिछले आठ वर्षों में आयकर रिटर्न भरने वाले दोगुने हुए हैं। नि:संदेह वित्त मंत्री की मुट्ठियों में देश में कर सुधारों से आयकरदाताओं और आयकर संग्रहण के साथ-साथ जीएसटी में लक्ष्य से भी अधिक वृद्धि की बड़ी अनुकूलताएं हैं।

इसके अलावा वित्त मंत्री के पास कुछ और अनुकूलताएं भी हैं, जिनके मद्देनजर वे उपयुक्त जरूरी राहत दे सकती हैं। इस वित्त वर्ष 2023-24 में वित्त मंत्री सीतारमण वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए अब तक राजकोषीय घाटे को बजट लक्ष्य के मुताबिक जीडीपी के 5.9 प्रतिशत तक नियंत्रित रखते हुए सफलतापूर्वक आगे बढ़ी हैं।

यह बात भी स्पष्ट रूप से उभरकर दिखाई दे रही है कि पिछले लोकसभा चुनाव के पहले 2019 के अंतरिम बजट में किसान सम्मान निधि व आयकर राहत देने के लिए जरूरी प्रावधान किए गए थे। चूंकि पिछले माह दिसंबर में राज्यों के उत्साहजनक चुनावी नतीजों में कल्याणकारी योजनाओं की भूमिका अहम मानी गई है, इसे ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री आमजन के हितार्थ कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक कल्याण की योजनाओं के साथ-साथ छोटे आयकरदाताओं और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए कुछ जरूरी प्रावधान कर सकती हैं।

नए अंतरिम बजट में छोटे आयकरदाताओं व मध्यम वर्ग को कुछ राहत दी जा सकती है। बजट में किफायती आवासों के लोन पर ब्याज पर सब्सिडी बढ़ सकती है। नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए आयकर छूट की सीमा बढ़ सकती है। किसानों और महिलाओं के लिए अंतरिम बजट में बड़े ऐलान हो सकते हैं। किसान सम्मान निधि बढ़ाई जा सकती है। नए बजट में राजकोषीय घाटा और विनिवेश लक्ष्य कम हो सकता है. विनिवेश लक्ष्य 50 हजार करोड़ रुपए से नीचे रखा जा सकता है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्रोत्साहनमूलक राहत दी जा सकती है। जहां विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी करने के लिए सरकार नए अंतरिम बजट से पीएलआई योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसे कपड़ा और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों तक विस्तृत कर सकती है, वहीं रियल एस्टेट सेक्टर को भी प्रोत्साहनमूलक राहत दे सकती है।

नए अंतरिम बजट में देश में डिजिटल क्रांति को बढ़ाने से संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न उत्पादों, बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए अधिक पूंजीगत व्यय के प्रावधान भी दिखाई दे सकते हैं। नए बजट में वित्त मंत्री जनकल्याण की ऐसी घोषणाएं भी कर सकती हैं जो अंतरिम बजट का हिस्सा नहीं होते हुए आगामी पूर्ण बजट की घोषणाओं की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए दिखाई दें।

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