अवधेश कुमार का ब्लॉगः भाजपा का 2019 का एजेंडा स्पष्ट

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 15, 2019 03:41 PM2019-01-15T15:41:32+5:302019-01-15T15:41:32+5:30

स्वयं अध्यक्ष अमित शाह ने अपने भाषण में इसका जिक्र  किया. भाजपा के इतिहास में इतनी बड़ी राष्ट्रीय परिषद कभी आयोजित नहीं हुई. इसी से अनुमान लगता है कि 2019 के आम चुनाव की दृष्टि से भाजपा इसे कितना महत्व दे रही थी.

bjp agenda is clear for 2019 lok sabha election | अवधेश कुमार का ब्लॉगः भाजपा का 2019 का एजेंडा स्पष्ट

अवधेश कुमार का ब्लॉगः भाजपा का 2019 का एजेंडा स्पष्ट

अवधेश कुमार 

पांच वर्ष पहले ठीक इसी समय भाजपा ने राजधानी के रामलीला मैदान में एक साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक आयोजित की थी. उसमें मोदी ने प्रधानमंत्नी पद के उम्मीवार के रूप में अपना विस्तृत विजन रखा था.  भाजपा रामलीला मैदान की राष्ट्रीय परिषद को अपने लिए भाग्यशाली मानती है और इसीलिए यहीं आयोजन किया गया. 

स्वयं अध्यक्ष अमित शाह ने अपने भाषण में इसका जिक्र  किया. भाजपा के इतिहास में इतनी बड़ी राष्ट्रीय परिषद कभी आयोजित नहीं हुई. इसी से अनुमान लगता है कि 2019 के आम चुनाव की दृष्टि से भाजपा इसे कितना महत्व दे रही थी. यह राष्ट्रीय परिषद तीन प्रमुख राज्यों में पराजय के बाद हुई इसलिए पार्टी नेतृत्व के सामने उसकी समीक्षा के बाद गलतियों को सुधारते हुए नेताओं-कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने, उनमें आत्मविश्वास पैदा करने तथा देश के सामने चुनाव का एजेंडा साफ करने का सबसे महत्वपूर्ण और लोकसभा चुनाव के पूर्व का आखिरी अवसर था. प्रश्न है कि क्या भाजपा नेतृत्व इन उद्देश्यों में सफल हुआ?

इसका उत्तर तो अगले लोकसभा चुनाव का परिणाम ही देगा, पर पूरी कोशिश अवश्य हुई. सरकार की उपलब्धियाें को लेकर तो जनता के पास जाना ही है, लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे होंगे जिनको भाजपा अपने लिए निर्णायक मानकर पेश करेगी. भाजपा को लगता है कि कृषि और किसान को इस चुनाव में विपक्ष बड़ा मुद्दा बनाएगा इसलिए इस पर अलग से काफी लंबा प्रस्ताव गृह मंत्नी राजनाथ सिंह द्वारा रखवाया गया. इसमें लिखा है कि आजादी के बाद किसी सरकार ने किसानों की वास्तविक समस्या को समझकर उनके निकटवर्ती व दूरगामी समाधान के लिए कदम नहीं उठाया जितना नरेंद्र मोदी सरकार ने उठाया है. 

इस कार्यकारिणी से जो एक मुख्य स्वर निकला वह था, आगामी 2019 के चुनाव को विचारधारा की लड़ाई साबित करना. यह अमित शाह के भाषण का मुख्य थीम था. उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव एक तरह का वैचारिक युद्ध है, यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है जो सदियों तक असर छोड़ने वाली है. उन्होंने पानीपत के तृतीय युद्ध की याद दिलाते हुए कहा कि उसके बाद 200 साल तक भारत गुलाम रहा. इस तरह नेताओं-कार्यकर्ताओं और समर्थकों को आगाह किया गया कि आप चूक गए तो फिर विपरीत विचारधारा वाले जीत जाएंगे जिसका परिणाम देश को सदियों तक भुगतना पड़ेगा. जाहिर है, यह तीन राज्यों में पराजय के पीछे समर्थकों और कार्यकर्ताओं के असंतोष जैसे कारणों को दूर करने का एक पूर्वोपाय था. 

Web Title: bjp agenda is clear for 2019 lok sabha election