सारंग थत्ते का ब्लॉगः पाकिस्तान की बौखलाहट झलक रही
By सारंग थत्ते | Published: October 14, 2019 09:42 AM2019-10-14T09:42:13+5:302019-10-14T09:42:13+5:30
इस साल 10 अक्तूबर तक 2317 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ है जबकि पिछले साल 1629 बार सीमा पार से गोलीबारी हुई थी. इस साल भारतीय सुरक्षा बलों ने घुसपैठ कर रहे 147 आतंकवादियों को मार गिराया है. जबकि पिछले साल हमने 254 का खात्मा किया था.
अगस्त के पहले सप्ताह में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद -370 को हटाए जाने के बाद बदलते हुए मानचित्न में दो केंद्रशासित प्रदेश बनाए गए, तब से ही पाकिस्तान ने अपनी बौखलाहट को विभिन्न स्तरों पर व्यक्ति किया है. पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में 307 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया है.
सितंबर में यह संख्या 292 रही, जो इसी महीने में वर्ष 2017 और 2018 के मुकाबले तीन गुना है. इस साल 10 अक्तूबर तक 2317 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ है जबकि पिछले साल 1629 बार सीमा पार से गोलीबारी हुई थी. इस साल भारतीय सुरक्षा बलों ने घुसपैठ कर रहे 147 आतंकवादियों को मार गिराया है. जबकि पिछले साल हमने 254 का खात्मा किया था.
इसके अलावा बड़ी तोपों और मोर्टार के इस्तेमाल की 61 घटनाएं सिर्फ सितंबर 2019 में दर्ज हुई हैं. पाकिस्तान की ओर से लाइट आर्टिलरी, भारी मोर्टार तथा एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल भी किया गया है. पिछले दो महीने में हुई युद्धविराम तोड़ने की घटनाओं ने 2003 तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यह चिंता का विषय है. भारतीय सेना और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने मुंहतोड़ जवाब दिया है.
नौशेरा, पुंछ, भींबर गली, कृष्णा घाटी के सीमावर्ती गांवों में बमबारी के चलते जान-माल का नुकसान भी हुआ है. हालात को देखते हुए पिछले दिनों दोनों देशों के डीजीएमओ ने हॉटलाइन टेलीफोन का इस्तेमाल करते हुए आपस में बात की है. भारत के मिलिटरी ऑपरेशंस के डीजी ने गैरसैनिक ठिकानों पर हुई बमबारी पर अपनी नाराजी जताई थी.
इस सबके बीच नई दिल्ली में 14 से 19 अक्तूबर तक वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक का आयोजन किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और सीमा पार के हालात पर चर्चा इस बैठक का मुख्य मुद्दा रहेगा. इस बैठक में आतंकवाद की हाल की घटनाओं और पाकिस्तान की सोच और साजिश के सभी पहलुओं पर मंथन किया जाएगा और सहमति से उसके निराकरण के लिए सुदृढ़ मार्ग निश्चित किया जाएगा. हमें अपनी तैयारी चाक-चौबंद रखनी ही होगी. आतंकवाद के आकाओं तक यह संदेश पहुंचाना ही होगा कि भारत के सैनिक मुकाबले के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं.