कोरोना से घबराएं नहीं, खुद को बनाएं मजबूत
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: December 20, 2023 10:00 AM2023-12-20T10:00:48+5:302023-12-20T10:04:29+5:30
दुनियाभर में कहर बरपाने के बाद अब जबकि ऐसा लग रहा था कि कोविड-19 विदा हो गया है, इसके नए वेरिएंट जेएन-1 ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। सिंगापुर, अमेरिका, चीन समेत कई देशों में इस वेरिएंट ने लोगों को तेजी से संक्रमित किया है।
दुनियाभर में कहर बरपाने के बाद अब जबकि ऐसा लग रहा था कि कोविड-19 विदा हो गया है, इसके नए वेरिएंट जेएन-1 ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। सिंगापुर, अमेरिका, चीन समेत कई देशों में इस वेरिएंट ने लोगों को तेजी से संक्रमित किया है। इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एडवाइजरी जारी करते हुए सभी देशों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोरोना का सबसे जटिल और खतरनाक वेरिएंट है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि क्या इससे मौत का आंकड़ा भी बढ़ सकता है। भारत में भी हाल ही में केरल में इस वेरिएंट की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद विभिन्न राज्यों में कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है। केरल में तो सक्रिय मामलों की संख्या 1828 तक पहुंच चुकी है।
इसे देखते हुए केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सतर्क रहने को कहा है। कर्नाटक सरकार ने तो 60 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य भी कर दिया है जो खांसी, सर्दी और बुखार के साथ ही अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। वैसे चीन में कोविड-19 को लेकर बरती गई सख्ती ने साबित कर दिया है कि बहुत ज्यादा कड़ाई बरतना भी लोगों के स्वास्थ्य के हित में नहीं है।
जब पूरी दुनिया में कोरोना कहर ढा रहा था, तब चीन में न के बराबर मौतें होने की खबरें सामने आ रही थीं। इसका कारण वहां कोरोना की रोकथाम को लेकर बरती जाने वाली बहुत ज्यादा सख्ती को बताया जा रहा था लेकिन जब पूरी दुनिया में कोरोना लगभग शांत हो गया तो पिछले दिनों चीन में मौतें होने की खबरें सामने आईं।
पता चला कि सरकार द्वारा बरती जाने वाली अत्यधिक कड़ाई की वजह से वहां के लोगों में कोरोना वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता ही विकसित नहीं हो पाई है। इसलिए कोरोना के नए वेरिएंट से घबराने की जरूरत तो नहीं है, लेकिन लोगों को साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए और बुजुर्गों एवं रोगियों को एहतियातन मास्क लगाना चाहिए।
सबसे जरूरी यह है कि हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं, ताकि हमारा शरीर कोरोना और अन्य बीमारियों से खुद ही लड़कर उन्हें पराजित कर सके। इस दृष्टि से मोटे अनाज का सेवन महत्वपूर्ण है और संतोष की बात है कि सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है बल्कि भारत सरकार की पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है।
हमें समझना होगा कि जितना ही हम प्राकृतिक रहन-सहन और खान-पान की ओर लौटेंगे, उतना ही हमारा शरीर मजबूत होगा और हम बीमारियों से बचे रह सकेंगे।