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ब्लॉग: भारत में एक बार फिर से कोरोना पसार रहा है अपना पैर, खतरे को साथ मिलकर निपटने की है आवश्यकता

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: December 22, 2022 15:10 IST

आपको बता दें कि चीन में कोविड-19 महामारी के नए स्वरूप ने यह साबित कर दिया है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है अैर वह नए-नए स्वरूप के साथ दुनिया को कभी भी अपनी चपेट में ले सकता है।

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ठळक मुद्देनए केस के साथ देश में कोरोना का असर फिर से दिखने लगा है। जिस तरीके से चीन में कोरोने के केस बढ़ रहे है, उससे हालात को काफी गंभीर माना जा रहा है।ऐसे में इसे लेकर सभी को सावधानी बरतने की जरूरत है।

नई दिल्ली:चीन में कोरोना का नया स्वरूप बेहद खतरनाक और जानलेवा साबित हो रहा है. 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी से तबाही झेल चुकी दुनिया के लिए यह खतरे की घंटी है. चीन में नया वेरिएंट जिस तेजी से फैल रहा है, उससे तो यही लगता है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से भी बड़ा खतरा पूरी दुनिया के सामने है. चीन की बड़ी आबादी नए वेरिएंट की चपेट में आ चुकी है और इसका इलाज अब तक ढूंढ़ा नहीं जा सका है. 

नहीं खत्म हुआ है कोरोना का कहर

अब तक दुनिया के चिकित्सा विशेषज्ञ यह आकलन नहीं कर पाए हैं कि नया वेरिएंट कितना घातक है और इसकी वास्तविक संक्रामक क्षमता कितनी है. चीन में कोविड-19 महामारी के नए स्वरूप ने यह साबित कर दिया है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है अैर वह नए-नए स्वरूप के साथ दुनिया को कभी भी अपनी चपेट में ले सकता है. 

चीन के हालात को देखते हुए विभिन्न देश सतर्क हो गए हैं. भारत सरकार ने भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक की है. महाराष्ट्र सरकार तो टास्क फोर्स का गठन कर रही है. अमेरिकी विशेषज्ञों की मानें तो नया वेरिएंट चीन की ज्यादातर आबादी को अपनी चपेट में ले लेगा और इससे मरने वालों की संख्या लाखों में हो सकती है. 

दुनिया की 10 फीसदी आबादी हो सकती है प्रभावित-अमेरिकी विशेषज्ञ

अमेरिकी विशेषज्ञों ने यह आशंका भी जताई है कि नया वेरिएंट दुनिया की दस प्रतिशत आबादी को प्रभावित कर सकता है. कोरोना की भयावहता सन् 2020 तथा 2021 में दुनिया झेल चुकी है. इससे जो तबाही हुई, वह अकल्पनीय थी. दो वर्षों में न केवल करोड़ों लोग कोरोना से ग्रस्त हुए बल्कि मरनेवालों की संख्या भी अकल्पनीय रही है. 

दुनिया के लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर कोरोना का बहुत बुरा असर पड़ा. करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए है. 2020-21 की चोट से दुनिया अभी भी पूरी तरह उबर नहीं सकी है. जनजीवन हालांकि सामान्य हो गया है, अर्थव्यवस्थाएं भी पटरी पर आने लगी हैं. 

अगर चीन जैसे हालात जारी रहते है तो 2020-2021 से भी बड़ी तबाही हो सकती है

लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य होने में अभी कुछ वक्त और लग सकता है. ऐसे में अगर चीन में तबाही मचा रहा नया वेरिएंट विश्व के अन्य हिस्सों में भी फैला तो दुनिया को शायद 2020-2021 से भी बड़ी तबाही झेलनी पड़ सकती है. दिसंबर 2019 में चीन में कोरोना का संक्रमण पहली बार सामने आया था. 

2020 की शुरुआत से उसने भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, पाकिस्तान सहित दुनिया के तमाम देशों में पैर पसारना शुरू कर दिया. 2020 में भारी तबाही मचाने के बाद कोरोना की दूसरी लहर 2021 में आई तथा उसने पहली लहर से ज्यादा विनाशलीला रची थी. 

इस सदी के लोगों ने देखा है महामारी कितनी होती है घातक 

पिछली सदी में फैले स्पेनिश फ्लू के भयावह मंजर के बारे में लोगों ने सिर्फ पुस्तकों में पढ़ा था लेकिन कोई महामारी कितनी विकराल एवं घातक हो सकती है, इसे खुद देख भी लिया. उससे उबरकर ठीक ढंग से सांस भी नहीं ले सके कि नई आफत दुनिया के सामने मंडराने लगी है. कोविड की पहली दो लहरों का भारत ने सफलतापूर्वक मुकाबला किया है. 

शुरुआती दौर में कोई दवा उपलब्ध न होने के बावजूद विकसित देशों के मुकाबले भारत ने कोविड-19 की दोनों लहरों का सामना बेहतर ढंग से किया. यही नहीं, जल्दी ही भारत ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए टीके एवं दवाएं विकसित कर लीं तथा अपनी जरूरतें पूरी करने के बाद दूसरे देशों को उसकी आपूर्ति भी की. 

प्रभावी टीकाकरण अभियान के कारण भारत ने पाया कोरोना पर काबू

गरीब देशों को तो भारत ने मुफ्त में वैक्सीन की आपूर्ति की. कोरोना के खिलाफ भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा तथा सबसे प्रभावी टीकाकरण अभियान शुरू किया जो आज भी चल रहा है. इसी कारण दूसरे देशों के मुकाबले भारत में कोरोना पर जल्दी नियंत्रण पाने में मदद मिली. 

मगर अब एक बार फिर परीक्षा की घड़ी आ गई है. कोरोना की पिछली लहरों के दौरान सरकार ने प्रभावशाली कदम उठाए, साथ ही एक नागरिक के तौर पर देशवासियों ने सरकार को पूरा सहयोग दिया. उसी जिम्मेदारी का निर्वाह करने का समय फिर से आ गया है. उम्मीद करें कि चीन के नए वेरिएंट पर हम काबू पा लेंगे लेकिन एहतियात बरतना हम सबकी जिम्मेदारी है. 

सरकार के साथ हमें भी रहना होगा सतर्क

व्यक्तिगत तथा अपने आसपास के परिसर की स्वच्छता, नियमित हाथ धोने, मास्क लगाने और अनावश्यक भीड़ करने से बचने जैसे एहतियाती उपाय हमें अभी से करने होंगे. सरकार तो सक्रिय हो गई है लेकिन हमें भी संभावित खतरे से निपटने के लिए खुद को तैयार करना होगा.

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