राम ठाकुर का ब्लॉग: युवा प्रतिभाओं को पहचान दिलाता आईपीएल
By राम ठाकुर | Published: October 8, 2020 06:14 AM2020-10-08T06:14:17+5:302020-10-08T06:14:17+5:30
IPL 2020: आईपीएल की एक सबसे बड़ी खूबी ये रही है कि इसने देश के अनेक युवा और अनजान चेहरों को क्रिकेट के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाई है.
यूएई के मैदानों पर आईपीएल मुकाबलों की धूम है. रोज नए-नए कारनामे देखने को मिल रहे हैं. खासतौर से जलवे हैं- युवा खिलाड़ियों के. संजू सैमसन, राहुल तेवतिया जैसे युवा बल्लेबाज छक्कों की बरसात कर रेगिस्तानी विकेटों की भूख मिटा रहे हैं, वहीं, शिवम मावी, रवि बिश्नोई जैसे उभरते गेंदबाज फ्लैट और बैटिंग फ्रेंडली पिचों पर अपनी सधी हुई गेंदबाजी से बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं.
इस भारतीय लीग की यही खूबी रही है जिसने देश के अनेक युवा और अनजान चेहरों को क्रिकेट के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाई है. आईपीएल के मंच पर ‘जीरो से हीरो’ बनने में देरी नहीं लगती. मुकाबले में महज छह गेंदों में पांच छक्के उछालकर राहुल तेवतिया जैसा अनजान चेहरा सुर्खियों में छा जाता है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए जूझ रहे संजू सैमसन की एक धमाकेदार पारी शेन वार्न जैसे दिग्गज को यह सोचने के लिए मजबूर करती है कि यह युवा विकेटकीपर बल्लेबाज अब तक भारतीय टीम का हिस्सा क्यों नहीं बना. यही वजह है कि आईपीएल को देश के होनहार और मेहनती युवा खिलाड़ियों की उम्मीद माना जाता है.
इस लुभावनी लीग ने क्रिकेट के मैदान पर कुछ कर गुजरने की चाहत रखने वाले असंख्य भारतीय युवाओं में सुनहरे भविष्य की उम्मीद जगाई है. यह सच है कि 135 करोड़ आबादी वाले इस देश में हर किसी के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो सकता.
जाहिर है कि देश के होनहार युवा क्रिकेटर योग्यता के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की नुमाइंदगी नहीं कर सकते. ऐसे जोशीले और उत्साही युवा क्रिकेटरों के लिए आईपीएल एक बेहतरीन मंच साबित हुआ है. खासतौर से देश के दुर्गम और दूर-दराज के क्षेत्र की मेहनती क्रिकेट प्रतिभाओं के लिए आईपीएल ने अहम भूमिका निभाई है.
इनमें से कुछ भाग्यशाली युवा क्रिकेटरों को राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला. बुमराह, हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत जैसे युवा आईपीएल के जरिये पहचान बनाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देश के लिए शानदार योगदान दे रहे हैं. आईपीएल के माध्यम से ऐसे भी खिलाड़ी रहे जो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा तो नहीं बन पाए लेकिन अपने प्रदर्शन के दम पर उन्होंने भारतीय क्रिकेट में अपना सिक्का जरूर बनाया.
इनमें पॉल वलखाटी सबसे प्रमुख खिलाड़ी है. किंग्स इलेवन पंजाब के इस धाकड़ बल्लेबाज ने वर्ष 2011 के सत्र में सीएसके के खिलाफ 120 रन की बेजोड़ पारी खेलकर खूब सुर्खियां बटोरी थी.
आईपीएल उन खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श मंच साबित हुआ है जिन्होंने हालात से संघर्ष कर इस मुकाम को हासिल किया. ऐसे खिलाड़ियों की फेहरिस्त काफी बड़ी है और इसमें इस बार प्रियम गर्ग, असद समद जैसे नाम जुड़ रहे हैं।