ब्लॉगः आईपीएल मसाला नहीं तैयार कर सकता चैंपियन, शमी और भुवनेश्वर की धार कुंद हो चुकी है...ऐसे में एक नाम सामने आता है...

By रवींद्र चोपड़े | Published: November 12, 2022 10:51 AM2022-11-12T10:51:33+5:302022-11-12T10:52:19+5:30

आईपीएल को अगर प्रतिभा तलाशने का जरिया माना जा रहा है तो क्यों नहीं टी-20 के लिहाज से उपयुक्त ग्यारह खिलाड़ी मिल रहे हैं? आईपीएल का प्रदर्शन अगर विश्व कप जैसी प्रतियोगिताओं के लिए चयन का मानदंड है तो अब इस पर सोचने की जरूरत है।

IPL vs icc match world cup 2022 Shami and Bhuvneshwar edge has become blunt Umran Malik | ब्लॉगः आईपीएल मसाला नहीं तैयार कर सकता चैंपियन, शमी और भुवनेश्वर की धार कुंद हो चुकी है...ऐसे में एक नाम सामने आता है...

ब्लॉगः आईपीएल मसाला नहीं तैयार कर सकता चैंपियन, शमी और भुवनेश्वर की धार कुंद हो चुकी है...ऐसे में एक नाम सामने आता है...

टी-20 विश्व कप प्रतियोगिता के सेमी फाइनल में भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ जो शर्मनाक प्रदर्शन किया वह लंबे समय तक क्रिकेट प्रेमियों को टीसता रहेगा लेकिन इतनी बड़ी प्रतियोगिता में खेलने उतरी भारतीय टीम के संयोजन पर गौर करें। कहीं से भी टीम इंडिया टी-20 विश्व कप प्रतियोगिता के लायक नहीं लग रही थी। टीम के कप्तान रोहित शर्मा का खराब फॉर्म एशिया कप से ही चला आ रहा था। उनके जोड़ीदार के.एल. राहुल को तो बस आईपीएल में ही खेलना चाहिए। आप केवल विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव के दम पर कोई भी ट्रॉफी नहीं जीत सकते। कोहली ने तो खैर एशिया कप से पकड़ी अपनी फॉर्म पूरे विश्व कप में निरंतर रखी लेकिन सूर्यकुमार यादव?  
 
सूर्यकुमार को टीम इंडिया के लिए 'एक्स फैक्टर' मान लिया गया था। लेकिन सेमी फाइनल में यादव के पास कोई प्लान ही नहीं था। टीम इंडिया का प्रबंधन इस प्रतियोगिता में कई पहलुओं पर फिसड्डी साबित हुआ है। टीम अपने लिए विकेट कीपर निश्चित नहीं कर सकी। ऋषभ पंत को पूरे टूर्नामेंट में मौका देना चाहिए था। कई मुकाबलों में दिनेश कार्तिक को खिलाया गया। पंत को इससे मैच प्रैक्टिस ही नहीं मिली। और गेंदबाजी आक्रमण का क्या कहें? शमी और भुवनेश्वर की धार कुंद हो चुकी है। अर्शदीप अनुभवहीन हैं। ऐसे में एक नाम सामने आता है उमरान मलिक का। जम्मू-कश्मीर के इस एक्सप्रेस गेंदबाज ने आईपीएल में लगातार डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी की। बड़े मुकाबलों में मौका न देकर चयनकर्ता उसके तेज को क्यों कम कर रहे हैं? भारतीय टीम के सेमी फाइनल में घटिया प्रदर्शन के बाद एक बार फिर आईपीएल बहस का विषय है। आईपीएल को अगर प्रतिभा तलाशने का जरिया माना जा रहा है तो क्यों नहीं टी-20 के लिहाज से उपयुक्त ग्यारह खिलाड़ी मिल रहे हैं? आईपीएल का प्रदर्शन अगर विश्व कप जैसी प्रतियोगिताओं के लिए चयन का मानदंड है तो अब इस पर सोचने की जरूरत है। आईपीएल के मुकाबले फंतासी हैं-मसाला है जबकि विश्व कप जैसी प्रतियोगिताओं में मुकाबलों का स्तर काफी अलग होता है।  

कोच राहुल द्रविड़ की अगर बात करें तो वह खिलाड़ियों के मैदानी रवैये में आक्रामकता लाने में विफल रहे हैं।  बीसीसीआई को भारतीय क्रिकेटरों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति दे देने की वकालत कर आप पल्ला नहीं झाड़ सकते। आपको अपने खिलाड़ियों में जीतने की ललक और विश्वास पैदा करना होगा और सबसे पहले तो उचित संयोजन को तलाशना होगा। श्रेयस अय्यर, ईशान किशन, शुभमन गिल, संजू सैमसन कब तक दूसरे दर्जे की टीम इंडिया में शिखर धवन की कमान में खेलते रहेंगे। 

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