रोहित शर्मा की अनदेखी कहीं टीम को भारी न पड़ जाए, अयाज मेनन का कॉलम
By अयाज मेमन | Published: March 14, 2021 02:55 PM2021-03-14T14:55:02+5:302021-03-14T14:57:05+5:30
इंग्लैंड ने मुकाबले को बिल्कुल एकतरफा बनाते हुए दो विकेट खोकर 27 गेंद बाकी रहते लक्ष्य हासिल कर लिया था.
पहले टी-20 में इंग्लैंड की जीत गजब की रही. हालांकि क्रिकेट का यह सबसे छोटा प्रारूप बेहद अस्थिर है. इसके बावजूद इंग्लैंड टीम जिस तरह भारत पर हावी नजर आई, उससे शेष चार मैचों में उसकी राह आसान नहीं होगी.
रैंकिंग में इंग्लैंड टॉप पर है तो भारत दूसरे नंबर पर लेकिन मुकाबले में कहीं भी इसकी झलक नहीं मिली. भारतीय टीम आखिर तक दौड़ से बाहर ही दिखाई दी. कप्तान मॉर्गन ने अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल बखूबी किया जिससे श्रेयस अय्यर को छोड़कर भारतीय बल्लेबाज दबाव में नजर आए. जवाब में 125 का औसत लक्ष्य को रॉय, बटलर, मलान और बेयरस्टॉ ने हासिल कर लिया.
टॉस जीतने को लेकर मॉर्गन के भाग्यशाली मानने पर बहस हो सकती है. अनजान विकेट पर बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने का फैसला खतरे से खाली नहीं था. यदि भारतीय बल्लेबाजी चल जाती तो मॉर्गन को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता. इंग्लैंड को तेज गेंदबाजों-आर्चर, वुड, जॉर्डन और स्टोक्स के अलावा लेग स्पिनर आदिल राशिद से अच्छी मदद मिली, वहीं भारतीय टीम शुरुआत से ही भ्रमित नजर आई.
इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने अपनी रफ्तार और विविधता के बल पर विकेट को खूब भुनाया. वहीं, लगातार दो टेस्ट में जीत के बाद विकेट को अच्छी तरह से जानने के बावजूद भारतीय टीम में तीन स्पिनर्स को शामिल किया गया. मैच से एक दिन पहले कोहली ने मीडिया से बातचीत में रोहित शर्मा और केएल राहुल को ओपनिंग में भेजने की बात की थी लेकिन टॉस के दौरान पता चला कि रोहित को इस मैच के अलावा अगले मैच में भी रेस्ट दिया गया है. ऐसा करने के पीछे कार्यभार का कारण दिया गया.
लेकिन यह भी समझना ज्यादा आवश्यक है कि टीम के लिए विश्व कप से पूर्व यह टी-20 सीरीज बेहद महत्वपूर्ण है. यह ज्यादा अच्छा होता यदि रोहित को शुरुआती मुकाबलों में उतारकर बाद में आराम दिया जाता. जिस तरह मूल रूप से टी-20 दल का हिस्सा न होते हुए भी ऋषभ पंत को तरजीह दी गई, ठीक उसी तरह रोहित की मौजूदगी मॉर्गन की रणनीति पर पानी फेर सकती थी.
यह सच है कि केएल राहुल और शिखर धवन पूरी तरह से ऑफ फॉर्म नजर आए. वहीं कोहली विकेट को भांपे बगैर राशिद पर उठाकर खेलने के प्रयास में अपना विकेट दे बैठे. इन शुरुआती झटकों से टीम के लिए उबर पाना मुश्किल हो गया. कहा जा रहा है कि रोहित दूसरे मुकाबले में टीम का हिस्सा नहीं होंगे लेकिन पहले मैच में मिली करारी हार के बाद थिंक टैंक अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार कर सकती है.
टीम के लिए बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी चिंता का विषय है. बुमराह की गैरमौजूदगी ने और परेशानी बढ़ा दी है. भारत को सभी विभागों में गंभीरता से सोचने की जरूरत है. टीम की ‘पूर्ण आक्रमण’ वाली गलत नहीं है लेकिन इसके लिए उचित खिलाड़ियों का चयन जरूरी है.