IND vs ENG, 4th Test: सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त, युवाओं ने ‘बैजबॉल’ की निकाली हवा, भारत ने लगातार 17वीं टेस्ट सीरीज अपने नाम की
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: February 27, 2024 10:56 AM2024-02-27T10:56:13+5:302024-02-27T10:57:47+5:30
IND vs ENG, 4th Test: कोच ब्रैंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स की अगुवाई में इंग्लैंड ने इसी शैली के दम पर ज्यादातर टीमों के खिलाफ विजय दर्ज कर क्रिकेट जगत में धाक जमा ली थी. असल परीक्षा भारत में ही होनी थी.

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IND vs ENG, 4th Test: भारत ने रांची टेस्ट में इंग्लैंड को 5 विकेट से हराकर मौजूदा सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली है. अर्थात भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान सीरीज अपने नाम कर ली है और धर्मशाला में 7 मार्च से होने वाला पांचवां और अंतिम टेस्ट अब अप्रासंगिक बन गया है. रांची के जेएससीए (झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिसएशन) स्टेडियम में दर्ज की गई जीत के साथ भारत ने लगातार 17वीं टेस्ट सीरीज अपने नाम कर ली जो एक रिकाॅर्ड है. भारत को टेस्ट सीरीज में घरेलू मैदान पर अंतिम हार वर्ष 2012-13 में एलिस्टेयर कुक की अगुवाई वाली इंग्लैंड की टीम से मिली थी. लेकिन उसके बाद से बतौर मेजबान उसने तमाम प्रतिद्वंद्वी टीमों के खिलाफ लगातार विजय दर्ज कर ‘घरेलू शेर’ की छवि को बरकरार रखा है. साथ ही भारत ने अपने घर में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार तीसरी टेस्ट सीरीज भी अपने नाम कर ली. मौजूदा टेस्ट सीरीज से पहले इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति (टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक बल्लेबाजी) खूब चर्चा में रही. कोच ब्रैंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स की अगुवाई में इंग्लैंड ने इसी शैली के दम पर ज्यादातर टीमों के खिलाफ विजय दर्ज कर क्रिकेट जगत में धाक जमा ली थी. उसकी असल परीक्षा भारत में ही होनी थी.
भारत की स्पिन फ्रेंडली विकेट पर मेजबान टीम के खिलाफ जीत दर्ज करना प्रतिद्वंद्वी टीमों के लिए हमेशा चुनौती भरा रहा है लेकिन हैदराबाद में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने विजय प्राप्त करते हुए इसे गलत साबित करने का प्रयास किया. परंतु विशाखापत्तनम के दूसरे टेस्ट से ‘रोहित शर्मा एंड कंपनी’ ने जोरदार वापसी करते हुए न केवल सीरीज अपने नाम कर ली, बल्कि बैजबॉल शैली की हवा निकाल दी.
भारतीय टीम की यह जीत इसलिए भी अधिक मायने रखती है क्योंकि इस बार विजय की शिल्पकार देश की युवा ब्रिगेड रही. हालांकि जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने सीरीज जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दिग्गज विराट कोहली और लोकेश राहुल जैसे सीनियर्स की गैरमौजूदगी में इंग्लैंड का पलड़ा मजबूत दिखाई दे रहा था लेकिन यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल जैसे युवाओं ने मिले अवसरों को भुनाते हुए शानदार बल्लेबाजी कर मौजूदा सीरीज में टीम को निर्णायक बढ़त दिलाने के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दिया.
खासतौर से यशस्वी जायसवाल के लिए मौजूदा सीरीज सबसे यादगार रही. बेहद संघर्षपूर्ण दौर से गुजरते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले इस खब्बू बल्लेबाज ने बतौर ओपनर दो द्विशतकीय पारियों के साथ पिछले चार टेस्ट में 655 रन बनाकर सुनील गावस्कर, विराट कोहली जैसे दिग्गजों के क्लब में अपना नाम दर्ज करा लिया.
शुभमन गिल ने भी (विशाखापत्तनम में 104, राजकोट में 91) में समय-समय पर उपयोगी पारियां खेलकर टीम की जीत में अहम योगदान दिया. मध्यक्रम युवा बल्लेबाज सरफराज खान और विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल का टेस्ट में पदार्पण यादगार रहा.
पिछले सत्र में घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगा चुके मुंबई के युवा होनहार सरफराज खान ने राजकोट टेस्ट में अपनी कलात्मक और आक्रामक शैली से बेहद प्रभावित किया. लगभग यही हाल युवा विकेटकीपर ध्रुव जुरेल का रहा. हालांकि ध्रुव रांची टेस्ट में नर्वस नाइंटीज के शिकार हुए लेकिन आत्मविश्वास देखते ही बन रहा था. देश की युवा प्रतिभाओं के लिहाज से मौजूदा सीरीज अहम साबित हुई है.