अयाज मेमन का कॉलम: भारतीय गेंदबाजों ने कड़ी चुनौती पेश की
By अयाज मेमन | Published: February 26, 2019 03:11 PM2019-02-26T15:11:49+5:302019-02-26T15:11:49+5:30
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टी-20 मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। मेजबानों को मैच में हारने का गम है, लेकिन साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम गेंद तक कड़ी चुनौती भी पेश की।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टी-20 मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। मेजबानों को मैच में हारने का गम है, लेकिन साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम गेंद तक कड़ी चुनौती भी पेश की। टी-20 में 126 का लक्ष्य बेहद छोटा माना जाता है और ऐसे में ऑस्ट्रेलिया जैसी तगड़ी टीम हो तो क्या कहे। इसका सारा श्रेय भारतीय गेंदबाजों को जाता है।
भारतीय टीम प्रबंधन को थोड़ा ध्यान बल्लेबाजी पर देना होगा। लोकेश राहुल और विराट कोहली को छोड़ दिया जाए तो शेष सभी ने निराश किया। धोनी ने रन बनाए, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप रन गति नहीं बढ़ा पाए। खासतौर से प्रमुख बल्लेबाजों के शॉट्स का चयन भी सही नहीं था।
इस हार के बाद उमेश यादव की आलोचना हो रही है। उन्होंने अंतिम ओवर में 14 रन लुटाए। ऐसी स्थिति में गेंदबाज को खलनायक ठहराया जाता है। हालांकि मैं इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं हूं कि उमेश की खराब गेंदबाजी के चलते भारत हारा।
जहां तक धोनी की बात है, निचले क्रम को साथ लेकर उन्हें ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक खुद के पास रखना चाहिए था लेकिन, वह ऐसा करने में नाकाम रहे और उन्होंने खूब गेंदें भी बर्बाद की। चौका-छक्का जड़ने में वह सफल नहीं हो पाए। धोनी को अपने प्रदर्शन पर सोचने की जरूरत है।
लोकेश राहुल को फॉर्म में लौटते देखकर अच्छा लगा। उन्होंने धवन की जगह मिले अवसर को भुनाया। ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली जा रही यह सीरीज राहुल की विश्वकप की संभावनाओं को देखते ही अहम है। उन्हें अपने प्रदर्शन में निरंतरता कायम रखनी होगी। फिर भी अन्य दावेदारों से उन्हें कड़ी चुनौतियों का सामना करना ही पड़ेगा।
मेरे हिसाब से कुछ खिलाड़ियों ने विश्वकप टीम में अपना स्थान लगभग पक्का कर लिया है। इनमें विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, महेंद्र सिंह धोनी, अंबाती रायुडू, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव आदि का समावेश है।
इन खिलाड़ियों की अनदेखी नहीं की जा सकती। ऐसे में शेष जगह के लिए कड़ा मुकाबल होगा। इनमें लोकेश राहुल, उमेश यादव, रविंद्र जडेजा इन पर खास ध्यान होगा। बुधवार को बेंगलुरु में खेला जाने वाला दूसरा और अंतिम टी-20 भारत को हर हाल में जीतना होगा। इसके लिए खिलाड़ियों को शांत होकर अपने प्रदर्शन पर गौर करने की जरूरत है। यह कहना कि घरेलू मैदान पर खेलने का लाभ भारतीय टीम को ही होगा, गलत होगा क्योंकि ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी अब भारतीय वातावरण से अच्छी तरह अभ्यस्त हो चुके हैं।