अयाज मेमन का कॉलम: विदेशी सरजमीं पर भी रन बना सकते हैं पुजारा, लोचकों को दिया क्षमता का परिचय

By अयाज मेमन | Published: December 13, 2018 10:55 AM2018-12-13T10:55:27+5:302018-12-13T10:55:27+5:30

चेतेश्वर पुजारा ने हालिया एडीलेड टेस्ट में भारत को विजयी बनाकर चार मुकाबलों की सीरीज में बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

Ayaz Memon Column: Cheteshwar Pujara to score runs on overseas tour | अयाज मेमन का कॉलम: विदेशी सरजमीं पर भी रन बना सकते हैं पुजारा, लोचकों को दिया क्षमता का परिचय

अयाज मेमन का कॉलम: विदेशी सरजमीं पर भी रन बना सकते हैं पुजारा, लोचकों को दिया क्षमता का परिचय

चेतेश्वर पुजारा ने हालिया एडीलेड टेस्ट में भारत को विजयी बनाकर चार मुकाबलों की सीरीज में बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई। पुजारा ने आलोचकों को अपनी क्षमता का परिचय दिया और साबित किया कि वह विदेशी सरजमी पर भी रन बना सकते हैं। पुजारा को टेस्ट क्रिकेट से बाहर भी रखा गया था। (2015 में श्रीलंका के खिलाफ और इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में)। ऑस्ट्रेलिया का दौरा शुरू होने से पहले तक अंतिम ग्यारह में पुजारा का स्थान संदिग्ध था।

एडीलेड में मौका मिला और पुजारा ने पहली पारी में 123 और दूसरी पारी में 71 रन बनाए। पुजारा को बाहर रखने की सबसे बड़ी वजह उनकी रन बनाने की धीमी गति थी। पुजारा के जो आंकड़े दिखाए जाते हैं, वे सही तस्वीर पेश नहीं कर रहे हैं। अंतिम ग्यारह में लौटने के बाद पुजारा ने ठोस मानसिकता दिखाई।

श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में पहली दोनों गेंदों पर जीवनदान मिलने के बाद पुजारा ने 312 गेंदों पर 145 रन बनाए थे। भारत ने वह मुकाबला 117 रन से जीता था। इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्ट में भी पुजारा को जीवनदान मिला था। वापसी के लिए पुजारा ने काफी संघर्ष किया। नॉटिंघम टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने 72 रन बनाए थे। उनके इसी प्रदर्शन से भारत मैच जीतने में सफल रहा था। इसके बाद की टेस्ट पारी में पुजारा ने 132 रन बनाए थे, लेकिन भारत वह मैच 60 रन से हारा था क्योंकि अन्य बल्लेबाजों से पुजारा को सहयोग नहीं मिला। 65 टेस्ट मुकाबलों में पुजारा ने 5099 रन बनाए हैं और उनका औसत 50.48 है। 50 से अधिक औसत कम ही बल्लेबाजों का होता है।

मौजूदा भारतीय टीम में विराट कोहली ही 53.96 के औसत से रन बना रहे हैं (74 टेस्ट में 6368 रन)। इस समय कोहली का फॉर्म जबर्दस्त है और स्ट्राइक रेट है 57.96। लिहाजा पुजारा की बल्लेबाजी नजरअंदाज हो रही है। भारतीय कप्तान नेचुरल क्रिकेट खेलता है और गत दो वर्षों में उसने विदेशों में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हर किसी की बल्लेबाजी एक जैसी नहीं हो सकती क्योंकि टेस्ट मैचों में परिस्थितियों के अनुरूप बल्लेबाजी करनी होती है।

एक ही फार्मूला सभी पर लागू नहीं हो सकता। इसके लिए दो महान खिलाड़ियों के स्ट्राइक रेट को देखना होगा। राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों में 13,288 रन 52.31 के औसत और 42.51 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। लक्ष्मण ने 134 टेस्ट मैचों में 42.51 के औसत से और 49.37 के स्ट्राइक रेट से 8,781 रन बनाए। इन आंकड़ों को देख यदि कोई कहे कि द्रविड़ और लक्ष्मण दिग्गज खिलाड़ी नहीं थे क्योंकि उनका स्ट्राइक रेट 50 से कम है तो उसकी मानसिक जांच करानी पड़ेगी।

यह दोनों भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में महान खिलाड़ी हैं। दोनों की शैली एकदम जुदा थी। द्रविड़ ने एक दशक से अधिक समय तक बल्लेबाजी की, जबकि लक्ष्मण उन खिलाडि़यों में से एक हैं जिन्होंने भारत को अहम मुकाबलों में जीत दिलाई। मेरे कहने का तात्पर्य यही है कि स्ट्राइक रेट किसी भी बल्लेबाज को गलत साबित कर सकता है। एडीलेड टेस्ट में पुजारा ने अपने खेल में परिवर्तन किया। एक 'स्टोनवॉलर' की भूमिका बदलते हुए उन्होंने टीम को आगे ले जाने पर बल दिया। वह पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ पारी को बढ़ाते रहे। एडीलेड टेस्ट में पुजारा का योगदान उनकी क्षमता को प्रमाणित करता है।

Web Title: Ayaz Memon Column: Cheteshwar Pujara to score runs on overseas tour

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