Transparency International Report: भ्रष्टाचार से मुक्ति का सपना अभी भी अधूरा?, 180 में से 96 वें स्थान पर

By राजकुमार सिंह | Updated: March 5, 2025 05:12 IST2025-03-05T05:12:41+5:302025-03-05T05:12:41+5:30

Transparency International Report: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित वर्ष 2024 के लिए हाल ही में जारी भ्रष्ट देशों की सूची बताती है कि भ्रष्टाचारमुक्त भारत सपना ही बना हुआ है.

Transparency International Report dream of freedom from corruption still incomplete blog Raj Kumar Singh India ranks 96th 38 points among 180 countries | Transparency International Report: भ्रष्टाचार से मुक्ति का सपना अभी भी अधूरा?, 180 में से 96 वें स्थान पर

सांकेतिक फोटो

Highlightsसूची में शामिल 180 देशों में भ्रष्टाचार के मामले में भारत 38 अंकों के साथ 96 वें स्थान पर है.साल 2023 में भारत 39 अंकों के साथ 93 वें स्थान पर था. सूचकांक में देश की रैंकिंग भी बढ़ती जाती है.

Transparency International Report: भ्रष्टाचारमुक्त भारत बनाने के वायदे वफा होते नजर नहीं आते. दुनिया भर में भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करनेवाली गैरसरकारी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की नई रिपोर्ट बताती है कि भारत में भ्रष्टाचार बेलगाम है. कारोबारियों के साथ-साथ राजनेताओं और नौकरशाहों के यहां से भी छापों में भारी नगदी की बरामदगी का अर्थ यही है कि खाने-खिलाने का सिलसिला बंद नहीं हुआ है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित वर्ष 2024 के लिए हाल ही में जारी भ्रष्ट देशों की सूची बताती है कि भ्रष्टाचारमुक्त भारत सपना ही बना हुआ है.

इस सूची में शामिल 180 देशों में भ्रष्टाचार के मामले में भारत 38 अंकों के साथ 96 वें स्थान पर है, जबकि साल 2023 में भारत 39 अंकों के साथ 93 वें स्थान पर था. दरअसल जिस देश को सीपीआई में ज्यादा अंक मिलते हैं, वहां भ्रष्टाचार कम माना जाता है. घटते अंक ज्यादा भ्रष्टाचार का प्रमाण होते हैं, जिनके साथ-साथ सूचकांक में देश की रैंकिंग भी बढ़ती जाती है.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा हर साल जारी की जानेवाली भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक आधारित 180 देशों की सूची बताती है कि पिछले दस सालों में भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा है. पिछले दस सालों में इस सूची में भारत ने सबसे बेहतर प्रदर्शन साल 2015 में किया था, जब उसे रैंकिंग में 76 वां स्थान हासिल हुआ था.

वैसे साल 2006 और 2007 में भारत क्रमश: 70 वें और 72 वें स्थान पर भी रहा यानी दोनों ही सरकारों के आरंभकाल में भ्रष्टाचार कम होता नजर आया, पर फिर बेलगाम हो गया. हमारा पड़ोसी और प्रतिद्वंद्वी देश चीन 43 अंकों के साथ 76 वें स्थान पर बना हुआ है. हमारे नीति-नियंता इस बात पर संतोष जता सकते हैं कि पड़ोसी देशों में पाकिस्तान की रैंकिंग हमसे भी खराब है.

साल 2023 में पाकिस्तान 29 अंकों के साथ 113 वें स्थान पर था, लेकिन बीते साल वह 27 अंकों के साथ 135 वें स्थान पर पहुंच गया. इस सूची में श्रीलंका और बांग्लादेश की रैंकिंग बता कर भी हमारे सत्ताधीश अपनी पीठ थपथपा सकते हैं. इस सूची में श्रीलंका 121 वें और बांग्लादेश 149 वें स्थान पर है, लेकिन हमारे पड़ोस में तो छोटा-सा देश भूटान भी है.

भ्रष्ट देशों की रैंकिंग में 18 वें नंबर पर रहा भूटान दुनिया के खुशहाल देशों में भी गिना जाता है. जाहिर है, वायदों और दावों के विपरीत वास्तविकता हमारी व्यवस्था और मानसिकता पर सवाल खड़े करती है, जिसके जवाब खोजे बिना हम विश्व की तीव्र वृद्धिवाली अर्थव्यवस्था भले बन जाएं, बेहतर देश नहीं बन पाएंगे.

Web Title: Transparency International Report dream of freedom from corruption still incomplete blog Raj Kumar Singh India ranks 96th 38 points among 180 countries

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