5जी का इंतजार खत्म! अब जल्द ही 4जी सेवाओं से करीब 10 गुना अधिक मिलेगी स्पीड

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: June 17, 2022 03:50 PM2022-06-17T15:50:33+5:302022-06-17T15:51:37+5:30

विशेषज्ञों का कहना है कि 5जी तकनीक से फैक्टरी रोबोटिक्स, सेल्फ ड्राइविंग कार टेक्नोलॉजी, मशीन लर्निंग नेटवर्क, स्वच्छ ऊर्जा तकनीक, अत्याधुनिक मेडिकल उपकरणों से जुड़े क्षेत्रों में क्रांति आ सकती है। 5जी तकनीक के आने से डाटा की स्पीड बढ़ेगी और इससे ज्यादा-से-ज्यादा कार्यों को कम्प्यूटर की दुनिया से स्मार्ट उपकरणों की दुनिया में परिवर्तित किया जा सकेगा।

The wait for 5G is over Now soon the speed will be about 10 times more than 4G services | 5जी का इंतजार खत्म! अब जल्द ही 4जी सेवाओं से करीब 10 गुना अधिक मिलेगी स्पीड

5जी का इंतजार खत्म! अब जल्द ही 4जी सेवाओं से करीब 10 गुना अधिक मिलेगी स्पीड

Highlightsवर्तमान में फाइबर कनेक्टिविटी से देश के केवल 30 प्रतिशत दूरसंचार टावर जुड़े हैं।भारत का 5जी स्पेक्ट्रम मूल्य वैश्विक औसत से कई गुना महंगा है।यह भारत की नकदी संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

डिजिटल दुनिया में अपनी धाक जमाने का जो सपना भारत लंबे समय से देख रहा है, उसके साकार होने का समय आ गया है। भारत में 5जी सेवाएं जल्द ही शुरू हो सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 5जी स्पेक्ट्रम के नीलामी को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अगले महीने जुलाई के आखिरी तक 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगेगी। नीलामी के तहत 20 साल की वैधता के साथ 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम रखे जाएंगे। सरकार ने प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क्स को विकसित करने और इसे स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। 

इससे ऑटो, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में मशीन से मशीन के बीच कम्युनिकेशंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा। अनुमान के अनुसार मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल टेलीकॉम कंपनियां 5जी तकनीक पर आधारित सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए करेंगी जिसके जरिए 4जी सेवाओं से करीब 10 गुना अधिक गति और क्षमता मिलेगी। प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क्स का मतलब ऐसे टेलीकॉम नेटवर्क से है जो निजी उपयोग के लिए होगा। हम काफी समय से 2जी 3जी 4जी सुनते आ रहे थे और अब 5जी सुन रहे हैं।

‘जी’ का मतलब जेनरेशन होता है। सबसे पहले जेनरेशन के इंटरनेट को 1जी कहा जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1979 में हुई थी और यह 1984 तक दुनिया भर में चला। 5जी वायरलेस तकनीक की पांचवीं पीढ़ी है। 5जी से ऐसा नेटवर्क तैयार होगा जहां हर कोई हर चीज से वर्चुअली कनेक्ट हो पाएगा फिर चाहे वह मशीन हो या उपकरण। 5जी के जरिए कनेक्टिविटी की रफ्तार बेहद तेज हो जाएगी। इसमें विलंबता बेहद कम होगी। नेटवर्क कैपेसिटी ज्यादा होगी। दुनिया में 40 से ज्यादा टेलीकॉम ऑपरेटर्स 5जी लॉन्च कर चुके हैं। 4जी को भारत में शानदार सफलता मिली। 

विशेषज्ञों का कहना है कि 5जी तकनीक से फैक्टरी रोबोटिक्स, सेल्फ ड्राइविंग कार टेक्नोलॉजी, मशीन लर्निंग नेटवर्क, स्वच्छ ऊर्जा तकनीक, अत्याधुनिक मेडिकल उपकरणों से जुड़े क्षेत्रों में क्रांति आ सकती है। 5जी तकनीक के आने से डाटा की स्पीड बढ़ेगी और इससे ज्यादा-से-ज्यादा कार्यों को कम्प्यूटर की दुनिया से स्मार्ट उपकरणों की दुनिया में परिवर्तित किया जा सकेगा। इसके अलावा हाई-स्पीड डाटा से स्मार्ट डिवाइस तकनीक का विकास होगा और नई तकनीकों के लिए दरवाजे खुल जाएंगे। 

आसान शब्दों में कहें तो उपयोगकर्ता अब ज्यादा तेज स्पीड में इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे। 5जी नेटवर्क के बाद गेमिंग क्षेत्र में बड़ा विस्तार होगा। उपयोगकर्ता किसी रोक-टोक के बिना वीडियो या अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल कर पाएंगे। वीडियो कॉलिंग भी निर्बाध और बढ़िया क्वालिटी में हो सकेगी। 5जी सेवाओं को लेकर देश में चुनौतियां भी हैं। 5जी सेवाएं बेहतर ढंंग से मिल सकें, इसके लिए विशेषज्ञों का कहना है कि देश में फाइबर कनेक्टिविटी को अपग्रेड करने की आवश्यकता है। 

वर्तमान में फाइबर कनेक्टिविटी से देश के केवल 30 प्रतिशत दूरसंचार टावर जुड़े हैं। भारत का 5जी स्पेक्ट्रम मूल्य वैश्विक औसत से कई गुना महंगा है। यह भारत की नकदी संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। 5जी प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन में तेजी लाने हेतु घरेलू और वैश्विक मानकों के बीच संघर्ष को समाप्त करना होगा।

Web Title: The wait for 5G is over Now soon the speed will be about 10 times more than 4G services

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