शोभना जैन का ब्लॉग: जी-20 की कमान मिलने की अपेक्षाएं और चुनौतियां
By शोभना जैन | Published: November 19, 2022 02:40 PM2022-11-19T14:40:15+5:302022-11-19T14:48:57+5:30
इंडोनेशिया के बाली में दो दिन पूर्व जी-20 शिखर बैठक के समापन समारोह में समूह के अध्यक्ष और इस वर्ष के आयोजन के मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-20 समूह की कप्तानी सांकेतिक रूप से सौंप दी।
इंडोनेशिया के बाली में हाल ही में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत को दुनिया की सर्वाधिक विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले प्रभावशाली जी-20 समूह की सांकेतिक रूप से कप्तानी सौंप दी गई है। आगामी 1 दिसंबर को भारत औपचारिक रूप से आगामी एक वर्ष के लिए समूह का अध्यक्ष बन जाएगा।
बाली में दो दिन पूर्व जी-20 शिखर बैठक के समापन समारोह में समूह के अध्यक्ष और इस वर्ष के आयोजन के मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह कमान सौंपी।
निश्चित तौर पर भारत के लिए इस जिम्मेवारी के मायने काफी अहम हैं और मौजूदा वैश्विक चुनौतियों में तो और भी, जबकि यूक्रेन युद्ध,भूराजनैतिक तनावों के चलते दुनिया अलग-अलग खानों में बंटती जा रही है। इन्हीं परिस्थतियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने मेजबानी संभालने के फौरन बाद इस समूह के लिए भारत की मेजबानी की भूमिका रेखांकित करते हुए कहा, ‘भारत की भूमिका समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुखी होगी. हम मिल कर जी-२० को वैश्विक बदलाव का उत्प्रेरक बनाएंगे’।
गौरतलब हैं कि जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का मुख्य मंच है। वर्ष 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद जी-20 समूह का गठन किया गया था। वैश्विक स्तर पर आर्थिक मामलों में सहयोग के लिए ये समूह काम करता है। इसकी अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि इसके सदस्य देशों के पास दुनिया के जीडीपी का 85% हिस्सा है। जी-20 का शिखर सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है।
जी-20 के मेजबान और 2023 में शिखर सम्मेलन के प्रस्तावित मेजबान के नाते माना जा रहा है कि समूह के अध्यक्ष के नाते भारत को अपने नेतृत्व को सही मायने में प्रभावी बनाने के लिए अपनी खास सोच और दूरदृष्टि के चलते चीन और पाकिस्तान को भी यानी समूह में सभी को साथ ले कर चलना होगा। इस दौरान अनेक मुद्दों पर सहमतियां/ असहमतियां होंगी लेकिन खास जिम्मेवारी के नाते भारत की भूमिका खास होगी।
प्रधानमंत्री ने इस मेजबानी को प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का अवसर बताते हुए कहा कि इस मेजबानी के दौरान भारत के अलग-अलग शहरों में इन देशों से आने वाले मेहमानों को भारत की अद्भुत विविधताओं, समावेशी पंरपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि को देखने का अवसर मिल सकेगा। निश्चित तौर पर इस मेजबानी का एक पहलू वसु्धैव कुटुंबकम वाले भारत का दर्शन कराने का तो है ही लेकिन सही मायने में यह भारत के लिए चुनौतीपूर्ण वैश्विक दौर में प्रभावी नेतृत्व देने का अवसर है।