ब्लॉग: ऑनलाइन खरीदी में तेजी से आगे बढ़ता भारत
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 4, 2024 11:04 AM2024-01-04T11:04:05+5:302024-01-04T11:05:59+5:30
इसके तहत निर्यातकों को लागत पर आने वाले गैर क्रेडिट योग्य केंद्रीय, राज्य और स्थानीय शुल्क वापस लिए जाते हैं।
जयंतीलाल भंडारी
पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई ऑनलाइन खरीदी और ई-कॉमर्स में वृद्धि के मद्देनजर भारत सबसे आगे है। कोई दो-ढाई दशक पहले भारत में जो ऑनलाइन खरीदी उच्च वर्ग तक सीमित थी, आज उससे आम आदमी भी लाभान्वित हो रहा है।
ऑनलाइन उत्पादों के कैटलॉग चेक करके मनपसंद वस्तुओं की एक क्लिक पर वापसी की सुविधा के साथ घर के दरवाजे पर डिलिवरी का चमकीला लाभप्रद बाजार ई-कॉमर्स की देन है। अब नए वर्ष 2024 में केंद्र सरकार भारत में ई-कॉमर्स बाजार के करोड़ों ग्राहकों के अधिक उपभोक्ता हितों का ध्यान रखते हुए ई-कॉमर्स को तेज गति से बढ़ाते हुए दिखाई देगी।
गौरतलब है कि भारत में ई-कॉमर्स बाजार का जो आकार वर्ष 2010 में एक अरब डॉलर से भी कम था, वह वर्ष 2019 में करीब 30 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। कोविड-19 के बाद भारत में ऑनलाइन खरीदी में अकल्पनीय उछाल आ गया। दुनिया की प्रसिद्ध ई-कॉमर्स रिसर्च की कंपनी बैन एंड द्वारा जारी रिपोर्ट ‘हाउ इंडिया शॉप्स ऑनलाइन’ 2023 के मुताबिक वर्ष 2023 में भारत में ई-कॉमर्स बाजार 57 से 60 अरब डॉलर मूल्य की ऊंचाई पर है।
वित्त मंत्रालय की अक्तूबर 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक ई-कॉमर्स का बाजार आकार 2026 तक बढ़कर 163 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यद्यपि ई-कॉमर्स तेजी से बढ़ रहा है लेकिन यह देश के कुल बाजार का 5-6 फीसदी ही है। अभी भी देश का 94-95 फीसदी बाजार ऑफलाइन ही है। जबकि अमेरिका में 23-24 फीसदी और चीन में करीब 35 फीसदी से अधिक ऑनलाइन कारोबार है. इससे देश में ई-कॉमर्स के बढ़ने की बड़े स्तर पर संभावनाएं है।
अभी हाल ही में सरकार के द्वारा लिए दो अहम निर्णयों से ई कॉमर्स को रफ्तार मिलेगी। इन निर्णयों में से एक निर्णय के अनुसार निर्यात को बढ़ाने वाले निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट (आरओडीटीआईपी) का फायदा ई-कॉमर्स निर्यातक इकाइयों को भी मिलेगा। इसके तहत निर्यातकों को लागत पर आने वाले गैर क्रेडिट योग्य केंद्रीय, राज्य और स्थानीय शुल्क वापस लिए जाते हैं।
सरकार का दूसरा बड़ा निर्णय यह है कि वह देश में करोड़ों उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा तथा ई-कॉमर्स कंपनियों एवं देश के उद्योग-कारोबार से संबंधित विभिन्न पक्षों के बीच समन्वय हेतु व्यापक विचार-विमर्श से ई-कॉमर्स नीति को शीघ्र ही मूर्तरूप देने की डगर पर आगे बढ़ रही है।