GROSS DOMESTIC PRODUCT: अब भारत होगा उच्च मध्यम आय वाला देश, 3.6 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: March 12, 2024 11:03 AM2024-03-12T11:03:30+5:302024-03-12T11:04:39+5:30
GROSS DOMESTIC PRODUCT: भारत फिलहाल 3.6 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसके आगे अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं.
GROSS DOMESTIC PRODUCT: हाल ही में 6 मार्च को वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत आर्थिक वित्तीय तथा संरचनात्मक सुधारों के कारण वर्ष 2031 तक निम्न मध्यम से उच्च मध्यम आय वाला देश बन जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने और आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. भारत फिलहाल 3.6 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसके आगे अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं.
2030-31 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 6.7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा और उस समय तक भारत की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 4500 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी और भारत उच्च-मध्यम आय वाले देशों के समूह में शामिल हो जाएगा. इस समय भारत जीडीपी के मद्देनजर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
भारत से आगे अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान हैं. माना जा रहा था कि भारत 2026 में जापान को पीछे कर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, लेकिन अब भारत और जापान की अर्थव्यवस्था में बहुत थोड़ा अंतर रह गया है. इसलिए जापान की अर्थव्यवस्था से इसी साल 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था आगे निकल सकती है.
7 मार्च को दुनिया की वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आगामी 5 वर्षों तक चीन की विकास दर भारत से कम रह सकती है तथा दुनिया की कुल जीडीपी में भारत का जो वर्तमान योगदान करीब 10 फीसदी है, वह 2028 में बढ़कर 16 फीसदी हो जाएगा.
यह बात भी महत्वपूर्ण है कि हाल ही में ब्लूमबर्ग के द्वारा भारतीय सरकारी बॉन्डों को अपने सूचकांक में शामिल करने के फैसले से भारतीय ऋण बाजार को काफी मजबूती मिलेगी. इन बॉन्डों को 31 जनवरी, 2025 से ब्लूमबर्ग सूचकांक में शामिल किया जाएगा.
जेपी मॉर्गन के बाद ब्लूमबर्ग अपने उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक में भारतीय सरकारी बॉन्ड को शामिल करने वाला दूसरा प्रमुख वैश्विक सूचकांक प्रदाता है. जेपी मॉर्गन ने जून 2024 से भारतीय बॉन्डों को अपने सूचकांक में शामिल करने का निर्णय लिया है.
भारतीय सरकारी बॉन्डों को ऐसे वैश्विक सूचकांकों में शामिल किए जाने से वैश्विक वित्तीय बाजार में भारत की वित्तीय प्रतिष्ठा बढ़ेगी और इसके कई लाभ होंगे. इससे भारत में विदेशी निवेश बढ़ेंगे, जिससे सरकार को अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने में मदद मिलेगी. साथ ही सरकार को चालू खाते के घाटे की भरपाई में भी आसानी होगी.