ब्लॉग: वैश्विक मंदी के बीच भारत में रोजगार के बढ़े मौके

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: February 29, 2024 05:19 PM2024-02-29T17:19:34+5:302024-02-29T17:22:22+5:30

इन दिनों प्रकाशित हो रही वैश्विक आर्थिक और रोजगार रिपोर्टों में यह कहा जा रहा है कि दुनिया इस समय वैश्विक मंदी के बीच रोजगार चुनौतियों का सामना कर रही है। दुनिया की कई विकसित व विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में रोजगार अवसरों में बड़ी कमी आई है।

Employment opportunities increased in India amid global recession | ब्लॉग: वैश्विक मंदी के बीच भारत में रोजगार के बढ़े मौके

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsदुनिया इस समय वैश्विक मंदी के बीच रोजगार चुनौतियों का सामना कर रही हैदुनिया की कई विकसित व विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में रोजगार अवसरों में बड़ी कमीदुनिया के अन्य देशों की तुलना में वेतनवृद्धि और रोजगार मौके बढ़ने का परिदृश्य दिखाई दे रहा है

जयंतीलाल भंडारी: इन दिनों प्रकाशित हो रही वैश्विक आर्थिक और रोजगार रिपोर्टों में यह कहा जा रहा है कि दुनिया इस समय वैश्विक मंदी के बीच रोजगार चुनौतियों का सामना कर रही है। दुनिया की कई विकसित व विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में रोजगार अवसरों में बड़ी कमी आई है।लेकिन भारत में दुनिया के अन्य देशों की तुलना में वेतनवृद्धि और रोजगार मौके बढ़ने का परिदृश्य दिखाई दे रहा है। 

21 फरवरी को दुनिया की प्रसिद्ध ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस फर्म एओन ने अपनी सालाना सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2024 में एशिया-प्रशांत के अन्य सभी देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा वेतन वृद्धि औसतन 9.5 प्रतिशत भारत में होगी। यह वृद्धि चीन की तुलना में लगभग डेढ़ गुना होगी। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत में फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव और लाइफ साइंसेज सेक्टर में सबसे ज्यादा वेतन बढ़ेगा।

गौरतलब है कि दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं जापान और ब्रिटेन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर ऋणात्मक हो गई है। जहां जापान की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ चुकी है वहीं यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी संघर्ष कर रही है। जर्मनी ने हाल ही में जापान को पछाड़कर तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल किया है। जर्मनी में महंगाई चरम पर है और विकास में ठहराव आ गया है. अमेरिका भी वैश्विक सुस्ती के खतरे में शामिल है।

इस समय लाल सागर पर हो रहे हमलों तथा इजराइल और फिलिस्तीन युद्ध ने अमेरिकी कंपनियों के कारोबार को घटा दिया है। इस बीच दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन भी तेज आर्थिक वृद्धि के दिनों से दूर हो गया है। इससे इन देशों में रोजगार के मौकों पर प्रतिकूल असर हुआ है। ऐसे में यह कोई छोटी बात नहीं है कि चिंताजनक वैश्विक रोजगार परिदृश्य के बीच भारत में बढ़ती हुई तेज अर्थव्यवस्था के कारण रोजगार-स्वरोजगार के मौके बढ़ रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि अभी भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. उससे आगे अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान हैं।

कुछ समय पहले तक माना जा रहा था कि भारत 2026 में जापान को पीछे कर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, लेकिन अब भारत और जापान की अर्थव्यवस्था में बहुत थोड़ा अंतर रह गया है इसलिए जापान की अर्थव्यवस्था से इसी साल 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था आगे निकल सकती है व चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था का ताज पहन सकती है।

यद्यपि वैश्विक मंदी के कारण दुनिया की छोटी-बड़ी कई अर्थव्यवस्थाओं में रोजगार के मौके कम हुए हैं, लेकिन कोविड-19 के बाद डिजिटल दौर के कारण देश और दुनिया के विभिन्न देशों में डिजिटल कौशल से सुसज्जित भारतीय युवाओं के लिए रोजगार के मौके बढ़े हैं।

Web Title: Employment opportunities increased in India amid global recession

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