Airport: देश के 15 हवाई अड्डों पर 164 विमानों का निष्क्रिय अवस्था में खड़े रहना चिंताजनक, पड़ रहा विमान सेवा की गुणवत्ता पर असर
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: December 23, 2023 12:12 PM2023-12-23T12:12:45+5:302023-12-23T12:15:01+5:30
Airport: नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सर्वाधिक विमान दिल्ली हवाई अड्डे पर निष्क्रिय अवस्था में खड़े हैं, जिनकी संख्या 64 है. बेंगलुरु हवाई अड्डे पर 27, मुंबई हवाई अड्डे पर 24 और चेन्नई हवाई अड्डे पर 20 ऐसे विमान खड़े हैं.
Airport: ऐसे समय में जबकि देश में हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ रही है और विमानों की संख्या में कमी के कारण उन्हें कई तकलीफें उठाते हुए यात्रा करनी पड़ रही है, 164 विमानों का निष्क्रिय अवस्था में खड़े रहना निश्चित रूप से चिंताजनक है. नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा गुरुवार को लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार देश के 15 हवाई अड्डों पर 164 विमान बेकार खड़े हैं.
इसमें से अकेले दिल्ली हवाई अड्डे पर ही 64 विमान खड़े हैं. इसके अलावा, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई सहित नागपुर, रायपुर व अन्य हवाई अड्डों में बेकार खड़े विमानों में इंडिगो, स्पाइसजेट, गोफर्स्ट, एअर इंडिया, जूम एयर और अलायंस एयर के विमान शामिल हैं.
सिंधिया ने कहा कि समस्या यह है कि आज निष्क्रिय अवस्था में खड़े 95 प्रतिशत विमान इंजन आपूर्तिकर्ता प्रैट एंड व्हाइटनी की वजह से इस हालत में हैं, जो आपूर्ति श्रृंखला की समस्या का सामना कर रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि हम कंपनी के साथ सीधे संपर्क में हैं. तकनीकी समस्याएं अपनी जगह हैं लेकिन निश्चित रूप से यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर विशेष तौर पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
दरअसल कोरोना काल में दुनियाभर में बहुत सारी विमान सेवाएं ठप हो गई थीं. वर्ष 2020 में तो हालत यह हो गई थी कि एयरक्राफ्ट खड़े रखने की जगह की भी कमी हो गई थी और सुरक्षित रख-रखाव के अभाव में कई विमानों में खराबी आ गई थी. महामारी का दौर गुजरने के बाद अब हवाई यात्रियों की संख्या तो कोविड पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है लेकिन विमान सेवाएं उस स्तर तक नहीं पहुंच पाई हैं.
यही कारण है कि विमान यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता विमानन बाजार है, जहां करीब आधा दर्जन एयरलाइंस लगभग 700 विमानों का संचालन करती हैं. लेकिन हमारे देश में ही विमान यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है.
क्योंकि यात्रियों के पास ज्यादा विकल्प भी नहीं होते, जिसका फायदा विमानन कंपनियां उठाती हैं. विमानों का देरी से उड़ान भरना तो जैसे आम बात हो चली है, जबकि किराया बढ़ाने में कोई कंजूसी नहीं की जाती. विमानन कंपनियां पहले कभी भले ही घाटे में चलती रही हों लेकिन अब वे अच्छा-खासा मुनाफा कमा रही हैं.
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल एशिया-पैसिफिक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत में हवाई किराए में 41 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, जो दुनिया में सर्वाधिक है. इसलिए अगर देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर निष्क्रिय खड़े 164 विमानों का परिचालन सुनिश्चित किया जा सके तो विमानों की संख्या में बीस प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो जाएगी जिससे विमान यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान किए जाने में मदद मिल सकेगी.