डियर जायरा वसीम, आपके इस फैसले ने आपको और कमजोर साबित कर दिया
By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: July 5, 2019 02:32 PM2019-07-05T14:32:55+5:302019-07-05T14:32:55+5:30
दंगल फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखने वाली जायरा का बॉलीवुड छोड़ देना उनकी पर्सनल चॉइस है और इस पर सवाल उठाना मेरा या किसी का कोई हक नहीं है. हालांकि, मैं आहत हूं। इसकी वजह सिनेमा जगत छोड़ने के फैसले से या फिर आपकी पर्सनल चॉइस से नहीं बल्कि सब तक खबर पहुंचाने के तरीके से ठेस पहुंची है.
90's का एक गाना मुझे बहुत पसंद था. वो गाना था सलमान खान और भाग्यश्री की फिल्म maine pyar kiya का दिल दीवाना बिन सजना के... उस फिल्म की एक्ट्रेस भाग्यश्री मुझे बहुत पसंद थी. लेकिन अपनी पहली फिल्म के हिट होने के बाद भी अपने करियर के पीक टाइम पर भाग्यश्री ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया. भाग्यश्री ही नहीं बॉलीवुड में ऐसी कई एक्ट्रेस हैं जिन्होंने फैमिली या पर्सनल चॉइस की वजह से अपना करियर छोड़ा. बॉलीवुड इंडस्ट्री ही नहीं कहीं भी हर किसी को ये आजादी है की वो अपने चॉइस से अपना करियर चुनें या छोड़े.
दंगल फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखने वाली जायरा का बॉलीवुड छोड़ देना उनकी पर्सनल चॉइस है और इस पर सवाल उठाना मेरा या किसी का कोई हक नहीं है. हालांकि, मैं आहत हूं। इसकी वजह सिनेमा जगत छोड़ने के फैसले से या फिर आपकी पर्सनल चॉइस से नहीं बल्कि सब तक खबर पहुंचाने के तरीके से ठेस पहुंची है. जायरा मैं आपसे सवाल करती हूं कि कौनसा धर्म आपको काम करने आजादी नहीं देता. क्या हमारे काम करने से भगवान या अल्लाह से हमारा कनेक्शन टूट जाता है. मैं तो ऑफिस आने से पहले रोज़ भगवन की पूजा करके आती हूँ. मंदिर भी जाती. व्रत भी करती हूँ और मेरा मेरे अपने भगवान से अटूट सम्बन्ध है क्यूंकि इबादत दिल से होती है.
जायरा वसीम क्या आपको नहीं लगता की आपने हर एक उस मुस्लिम लड़की के साथ अनजाने में ही सही गलत किया है जो अपने परिवार या समाज से लड़ रही है क्योंकि वो कुछ बनना चाहती है, नाम कमाना चाहती है और अपनी ज़िन्दगी अपनी शर्तो में जीना चाहती है. लेकिन आपने तो हर उस इंडिपेंडेंट मुस्लिम लड़की की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. आपने हर एक उस मुसलमान आदमी को खुश कर दिया जिन्हें औरते सिर्फ बुरखे के पीछे अच्छी लगती है या उनके लिए औरत बस किचन या फिर बच्चे पैदा करने तक सीमित है. कमजर्फ लोगों को दफ्तर में काम करने वाली इंडिपेंडेंट या फिर बिकिनी पहनने वाली हूर का नूर बर्दाश्त नहीं होता.
ज़ायरा अभी कुछ समय पहले ही फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार में नजर आई थीं जहां आप समाज, घर-परिवार के हर बंधन से लड़ती है ताकि अपने सपने को पूरा कर सके. आपके उस किरदार से सैकड़ों लड़कियों को हिम्मत मिली थी. लेकिन ये कैसा दोहरापन ? परदे के सामने कुछ परदे के पीछे कुछ ?
ज़ायरा मेरा मानना है की काम ही पूजा है और कोई भी धर्म आपके काम के आड़े नहीं आता. वास्तव में अगर आप पूरी शिद्दत, ईमानदारी और मेहनत से अपना काम करते है तो आप खुद कोअपने भगवान या अल्लाह के और करीब महसूस करते हैं.
ज़ायरा मुझे कुरान की इतनी जानकारी नहीं है और नाही गीता के उपदेश मैंने ज्यादा पढ़े हैं, पर इतना ज़रूर कह सकती हूँ की कोई भी धर्म आपको ये नहीं कहता की सिर्फ भगवान की पूजा या अल्लाह की इबादत करना ही आपका धर्म है. या सबकुछ छोड़कर आप बस भजन कीर्तन में लगे रहे. भगवान या अल्लाह से हमारा कनेक्शन दिल से होता है. एक मानसिक रिश्ता होता है. आपको नहीं लगता ये सब करके आपने अल्लाह के साथ खुद के रिश्ते का मजाक बनाया है ? ये सब आपको दिखावा नहीं लगा? एक कहावात तो आपने सुनी होगी God help those who help themselves. आपने इस फैसले से खुद को और कमज़ोर साबित कर दिया.
ज़ायरा आपसे अब एक ही रिक्वेस्ट है कि आप अपनी निजी ज़िन्दगी में जो करना चाहे वो करें लेकिन अपने फैसले को धर्म का नाम देकर उन मुस्लिम लड़कियों और लड़कों को ना भटकाए जो भविष्य के सुपरस्टार हो सकते हैं.
ज़ायरा मै आपकी पर्सनल चॉइस का दिल से सम्मान करती हूँ लेकिन धर्म की आड़ में लाखों मासूमों के हौसलों को तोड़ना किसी गुनाह से कम नहीं है.