'मंदिर जाने से देश के विकास पर फर्क पड़ता है क्या?', राजद विधायक ने फिर दिया विवादित बयान
By एस पी सिन्हा | Published: January 9, 2024 05:31 PM2024-01-09T17:31:19+5:302024-01-09T17:32:25+5:30
फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि मंदिर जाने से देश के विकास पर फर्क पड़ता है क्या? मंदिर से कितने आईएएस बनेंगे कितने डॉक्टर बनेंगे? उन्होंने कहा कि मैं देशवासियों से आह्वान करता हूं कि 22 जनवरी को शिक्षा के मंदिर में दीप जलाकर प्रकाशित करें।
पटना: अयोध्या श्रीराम मंदिर में रामलला की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सियासत तेज है। इसको लेकर विपक्षी दलों के नेता लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। वहीं, खुद को महिषासुर का वंशज बताने वाले राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने अब शंकराचार्य को ही चुनौती दे दी है। उन्होंने 22 जनवरी को घरों में नहीं बल्कि शिक्षा के मंदिर में मोमबत्ती जलाने की बात कही है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि 22 जनवरी को लोग अपने घरों में नहीं बल्कि शिक्षा के मंदिर में जाकर दीपक जलाएं। मंदिर को अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर ले जाने वाला रास्ता बताने वाले राजद विधायक ने कहा है कि जो नफरत फैलाने वाले हैं वो देश को अंधकार में ले जाएंगे ही। मैं देश की जनता को प्रकाश के तरफ यानी शिक्षा के तरफ ले जाना चाहता हूं।
फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि मंदिर जाने से देश के विकास पर फर्क पड़ता है क्या? मंदिर से कितने आईएएस बनेंगे कितने डॉक्टर बनेंगे? उन्होंने कहा कि मैं देशवासियों से आह्वान करता हूं कि 22 जनवरी को शिक्षा के मंदिर में दीप जलाकर प्रकाशित करें। फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि मैं पाखंड और अंधविश्वास को नहीं मानता बल्कि साक्षात देवी और देवता को मानता हूं। पूजा का अर्थ होता है पूरा जानो तब मानो।
जब मीडियाकर्मियों ने कहा कि आप शंकराचार्य से भी बड़े धर्म के जानकार हो गए हैं? इस सवाल पर राजद विधायक तमतमा गए और कहा कि ‘बुला लीजिए शंकराचार्य को.. आकर चर्चा कर लें.. मैं शंकराचार्य से बहस करने को तैयार हूं’। विधायक इस सवाल पर भड़क गए और मीडियाकर्मी को चुप रहने की नसीहत दे डाली।