बिहार में गया जिले में बुनकरों का गांव पटवाटोली बना आईआईटीयन का हब, 44 छात्रों ने इस बार JEE एडवांस की परीक्षा में सफलता हासिल की
By एस पी सिन्हा | Published: June 20, 2023 03:19 PM2023-06-20T15:19:10+5:302023-06-20T15:21:10+5:30
मानपुर के पटवाटोली के बच्चे 18 देशों में इंजीनियर की नौकरी कर रहे हैं। यहां से हर साल काफी संख्या में बच्चे इस तरह की परीक्षाओं में पास कर इंजीनियर बनते हैं। इनकी सफलता में वृक्ष नाम की संस्था भी सहयोग कर रही है।
पटना: बिहार में गया जिले के मानपुर प्रखंड अंतर्गत पटवाटोली गांव की पहचान इंजीनियरों की नगरी के रूप में होने लगी है। पटवाटोली अब आईआईटीयन का हब बन चुका है। इस गांव से हर साल काफी संख्या में छात्र जेईई की परीक्षा को पास करतेहैं। पटवाटोली में रहने वाले 44 छात्रों ने इस बार जेईई एडवांस की परीक्षा में सफलता हासिल की है।
ऐसे में पटवाटोली के छात्रों की सफलता एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गई है और यहां की प्रतिभा की सराहना हो रही है। इस तरह बुनकरों की नगरी में रहनेवालों के बच्चों ने कमाल कर दिखाया है। मेनचेस्टर के रूप में जाना जाने वाला पटवाटोली अब आईआईटीयन के हब के रूप में पहचाना जाता है। पटवाटोली के रहने वाले छात्र गुलशन कुमार ने ऑल इंडिया रैंक में 120 वां स्थान हासिल किया है।
यहां से हर साल काफी संख्या में बच्चे इस तरह की परीक्षाओं में पास कर इंजीनियर बनते हैं। इनकी सफलता में वृक्ष नाम की संस्था भी सहयोग कर रही है। संस्था के भी 11 छात्र-छात्राएं सफल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि यहां रहने वाले लोग मुख्य रूप से बुनकर का काम करते हैं। अधिकांश लोग मध्यम वर्ग के हैं। वहीं मध्यम वर्ग के लोग के बच्चे भी अब इस तरह की परीक्षा पास कर इंजीनियर बन रहे हैं।
जानकारी हो कि गया के मानपुर के पटवाटोली के बच्चे 18 देशों में इंजीनियर की नौकरी कर रहे हैं। सफल हुई छात्रा खुशी कुमारी ने बताया कि एकाग्रचित होकर की गई पढ़ाई से सफलता मिली। वही वृक्ष संस्था से भी काफी मदद मिली। यहां के शिक्षकों ने ऑनलाइन निशुल्क पढ़ाई करवाई, जिससे वह सफल हुई है। एक अन्य क्षात्र अनूप कुमार ने बताया कि परीक्षा में सफल होनेके बाद वह काफी खुश है। पटवा समाज के अध्यक्ष प्रेम नारायण पटवा ने बताया कि इस बार बच्चों ने कुछ ज्यादा ही कमाल कर दिखाया है।