Nepal-Bihar Rain:नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के बाद नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बेतिया, मोतिहारी, अररिया, मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में नदियां उफान पर है। लोग सुरक्षित स्थानों पर पनाह लेने की कोशिश कर रहे हैं। समस्तीपुर और बक्सर में गंगा उफान पर है। वहीं, बारिश की वजह से कुछ जगहों पर जलजमाव भी हो रहा है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
मुजफ्फरपुर के बागमती नदी पूरी तरह से उफान पर है। जलस्तर में काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पीपा पुल के दोनों तरफ पानी चढ़ चुका है। जिसे लेकर 18 पंचायत समेत लाखों लोगों का प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय से संपर्क भंग हो चुका है। 30 किलोमीटर अधिक दूरी तय करने के बाद लोग प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं।
कटरा के बकुची, पतारी, भवानीपुर, अंदामा, बभंगामा, मधुवन प्रताप समेत कई गांवों में पानी फैलने लगा है। वहीं बकुची से लेकर करीब एक किलोमीटर तक सड़क के ऊपर पानी का तेज बहाव हो रहा है। 50 लोगों के घरों में पानी घुस चुका है। लोगों का चूल्हा चौका बंद हो गया है। अभी तक प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार से कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसे लेकर लोग त्राहिमाम कर रहे हैं।
उधर, दरभंगा जिले में कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में बुधवार की सुबह कमला बलान नदी के जलस्तर में उछाल आ गया है। जलस्तर में पिछले 12 घंटे में चार से पांच फीट की वृद्धि हुई है, जिससे इटहर पंचायत के इटहर, लक्षमीनिया तथा चैकिया गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है। करीब 10 हजार की आबादी प्रभावित हुई है।
बागमती नदी में आए उफान के चलते शिवहर जिले में बाढ़ का संकट और अधिक बढ़ गया है। बुधवार की सुबह शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड के बेलवाघाट में निर्माणाधीन डैम के सुरक्षा तटबंध में जहां रिसाव शुरू हो गया है, वहीं बाढ़ का पानी लगातार नए इलाकों में फैल रहा है। कमला बलान झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
अभी नदी का जलस्तर बढ़ते क्रम में है। यह लगभग अपने खतरे निशान एक मीटर ऊपर बह रही है। पुराने कमला बलान रेल सह सड़क पुल के गार्डर को बढ़ा जलस्तर छू रहा है। बांध पर खतरे की कोई जानकारी नहीं है। वही, स्थानीय लोग जलस्तर बढ़ने से डरे हुए हैं।पटना में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है।
गांधी घाट पर बुधवार की सुबह गंगा का जलस्तर 48.33 मीटर रिकॉर्ड किया गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गांधी घाट पर खतरे का निशान 48.60 मीटर है। पूर्वानुमान में बताया गया है कि गुरुवार तक गंगा जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच सकता है। मनेर, दीघा घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से एक मीटर नीचे बह रही है।