लाइव न्यूज़ :

Mission 2024: एनडीए और 'इंडिया' की नजर 40 सीट पर, NDA में लोकसभा सीट को लेकर फार्मूला तय, बिहार महागठबंधन के 6 दल में माथापच्ची!

By एस पी सिन्हा | Updated: July 29, 2023 15:24 IST

Mission Lok Sabha Elections 2024: साल 2019 के चुनाव में जदयू भी एनडीए का हिस्सा था। तब एनडीए ने 39 सीटें जीती थीं। किशनगंज की सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी।

Open in App
ठळक मुद्देएनडीए को मिली 39 सीटों में 17 भाजपा, 16 जदयू और 6 लोजपा ने जीती थीं। जदयू एनडीए छोड़ महागठबंधन के साथ है।जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद बिहार पर भाजपा की विशेष नजर है।

Mission Lok Sabha Elections 2024: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी दलों के द्वारा अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है। बिहार में भी सभी दलों की कसरतें शुरू हो गई हैं। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। ऐसे में यहां "इंडिया" बनाम "एनडीए" के बीच जोर आजमाइश होनी है।

 

साल 2019 के चुनाव में जदयू भी एनडीए का हिस्सा था। तब एनडीए ने 39 सीटें जीती थीं। किशनगंज की सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी। एनडीए को मिली 39 सीटों में 17 भाजपा, 16 जदयू और 6 लोजपा ने जीती थीं। इस बार जदयू एनडीए छोड़ महागठबंधन के साथ है।

बिहार की कुल 40 में से 30 लोकसभा सीटों पर खुद लड़ने की

जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद बिहार पर भाजपा की विशेष नजर है। भाजपा की योजना इस बार बिहार की कुल 40 में से 30 लोकसभा सीटों पर खुद लड़ने की है, जबकि वह 10 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ेगी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 30 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें 22 सीट जीतने में सफल रही थी।

जबकि तब एनडीए में शामिल लोजपा 7 में 6 और रालोसपा 3 में 3 जीतने में कामयाब रही थी। यानी एनडीए 40 में 31 सीट जीतने में कामयाब रही थी। उस दौरान सबसे ज्यादा 38 सीटों पर जदयू ने चुनाव लड़ा था। इसमें मात्र दो सीट पर ही जीत मिली थी। कांग्रेस 12 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। उसे मात्र 2 सीटों पर जीत मिली थी।

जदयू 16 सीट जीतने में कामयाब रही

जबकि 27 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले राजद को मात्र 4 सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी। लेकिन 2019 में जब नीतीश भाजपा के साथ आए तो 40 में 39 सीटों पर कब्जा हुआ था। भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें भाजपा 100 फीसदी 17 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि जदयू 16 सीट जीतने में कामयाब रही।

वहीं, लोजपा भी अपने सभी 6 उम्मीदवारों को जीताने में कामयाब रही थी। इसलिए इसबार भी साथी दलों के बीच सीट बंटवारे में भाजपा के सामने कोई परेशानी आने वाली नहीं है। भाजपा की कोशिश है कि वह कम से कम 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। बाकी 10 सीटें साथियों के लिए रहेंगी।

इंडिया( महागठबंधन) में 6 दल शामिल

इसमें 6 सीटें तो लोजपा के दोनों धड़ों को दी जाएंगी, 2 सीटें उपेंद्र कुशवाहा के रालोजद और एक सीट जीतन राम मांझी की पार्टी ’हम’ को दी जाएगी। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को विधानसभा और विधान परिषद में सीटें देकर मनाया जाएगा। अगर वे नहीं मानें तो उन्हें भी एक सीट दी जा सकती है।

उधर, इंडिया( महागठबंधन) में 6 दल शामिल हैं। वाम मोर्चा भी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। राजद, जदयू और कांग्रेस तीनों बड़ी पार्टियां हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू जहां 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। जबकि राजद 19 सीटों पर लड़ी और कांग्रेस 9 सीटों पर। इस बार किसी भी सूरत में सीटों की ये संख्या नहीं रह सकती है।

लोकसभा के हिसाब से अभी जदयू के पास सबसे ज्यादा 16 सीटें हैं

यह तय है कि नीतीश कुमार को जीते हुए सीटों से समझौता करना पड़ेगा या तेजस्वी यादव बड़ी लड़ाई के लिए त्याग कर नीतीश कुमार को आगे बढ़ाएंगे। हालांकि, अभी सीट बंटवारे पर किसी भी दल के नेता स्पष्ट बोलने से बच रहे हैं। लोकसभा के हिसाब से अभी जदयू के पास सबसे ज्यादा 16 सीटें हैं। कांग्रेस के पास एक।

इसके अलावा किन्हीं के पास एक भी सीट नहीं है। नीतीश कुमार विपक्षी एकता का चेहरा भी हैं। ऐसे में बिहार के सभी दल आपस में समझौता कर जदयू को सबसे ज्यादा सीट दें। इसके बाद बाकी बची सीटों में बंटवारा कर लें। हालांकि, इसके आसार कम हैं। बंटवारे का एक आधार क्षेत्रीयता भी है।

जदयू और राजद को आपस में समझौता करना पड़ सकता है

बिहार महागठबंधन में जदयू और राजद बड़ी क्षेत्रीय पार्टियां हैं। ऐसे में उन्हें ज्यादा सीटें मिले। इसके बाद यह देखा जा सकता है कि पिछले चुनाव में किस दल ने सबसे ज्यादा भाजपा को चुनौती दिया था और नंबर-2 पर रहेंगे। दोनों ही स्थिति में नीतीश कुमार को समझौता करना पड़ेगा। विधानसभा में मिले सीटों के आधार पर आकलन किया जाए तो जदयू और राजद को आपस में समझौता करना पड़ सकता है।

इस लिहाज से देखा जाए तो राजद के कोटे में 14 और जदयू के कोटे में 8 सीटें बनती हैं। दोनों पार्टियों की सीटों को बराबर करेंगे तो 12-12 सीटों पर खुद लड़े। जबकि कांग्रेस भी ज्यादा सीट मांग सकती है। बाकी बची सीटें वामदलों को दी जाए। ऐसे में इंडिया में सीट बंटवारे का पेंच फंस सकता है।

टॅग्स :लोकसभा चुनाव 2024लोकसभा चुनावलोकसभा संसद बिलआरजेडीजेडीयूकांग्रेसBJPनरेंद्र मोदीअमित शाहजेपी नड्डानीतीश कुमारलालू प्रसाद यादव
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

बिहार अधिक खबरें

बिहारBihar Assembly elections 2025: पहले चरण के रिकॉर्ड तोड़ मतदान से गदगद दिखे राजनाथ सिंह, कहा- 'दो तिहाई बहुमत एनडीए को हासिल हो सकती है'

बिहारBihar Assembly Elections 2025: उपेंद्र कुशवाहा का दावा, कहा- "NDA जीत सकती है बिहार चुनाव लेकिन..."

बिहारबिहार में अब विधायकों, सांसदों, मंत्रियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच होगी निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी

बिहारनमामि गंगे प्रोजेक्ट के अधूरा रहने के कारण बिहार में गंगा नदी में अब भी गिराया जा रहा है गंदा पानी

बिहारBihar Assembly Session: विधानसभा में विपक्षी नेताओं का हंगामा, अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद शांत हुए विधायक