बिहार विधान परिषद में सीट नहीं मिलने से कांग्रेस में है नाराजगी, मच सकती है भगदड़

By एस पी सिन्हा | Published: March 10, 2024 03:45 PM2024-03-10T15:45:42+5:302024-03-10T15:47:53+5:30

बिहार में विधान परिषद की खाली हो रही 11 सीटों पर महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को इस बार एक भी सीट नहीं मिली है। पार्टी के विधायक प्रतिमा दास प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अखिलेश प्रसाद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह केंद्रीय नेतृत्व को मिस गाइड कर रहे हैं।

Congress is unhappy over not getting a seat in Bihar Legislative Council | बिहार विधान परिषद में सीट नहीं मिलने से कांग्रेस में है नाराजगी, मच सकती है भगदड़

बिहार विधान परिषद (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस को इस बार एक भी सीट नहीं मिली हैजिन सीटों के लिए चुनाव होने हैं, उसमें एक सीट कांग्रेस की भी हैमहागठबंधन की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची में कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम नहीं है

पटना:  बिहार में विधान परिषद की खाली हो रही 11 सीटों पर महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को इस बार एक भी सीट नहीं मिली है। जबकि जिन सीटों के लिए चुनाव होने हैं, उसमें एक सीट कांग्रेस की भी है। लेकिन वह सीट भी कांग्रेस के हिस्से नहीं आई। महागठबंधन की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची में कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम नहीं है। विधान परिषद की 11 सीटों में 6 पर एनडीए और 5 पर महागठबंधन के उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है। महागठबंधन की पांच में से चार सीटों पर राजद के उम्मीदवार उतारे गए हैं और एक सीट भाकपा- माले को मिली है, जबकि संख्या बल ज्यादा होने के बावजूद कांग्रेस को विधान परिषद की एक भी सीट नहीं मिली है।

इसको लेकर कांग्रेस में विद्रोह की स्थिति हो गई है। पार्टी के विधायक प्रतिमा दास प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अखिलेश प्रसाद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह केंद्रीय नेतृत्व को मिस गाइड कर रहे हैं। दरअसल, राज्यसभा चुनाव में जो तीन सीटें महागठबंधन के कोटे में आई थी, उसमें से एक सीट कांग्रेस के खाते में आई। राज्यसभा में वही सीट कांग्रेस को दी गई, जो उनकी पहले से ही थी। ऐसे में विधान परिषद चुनाव में राजद और वाम दलों ने मिलकर कांग्रेस को किनारे कर दिया। कांग्रेस के अंदरखाने यह चर्चा है कि राज्यसभा में प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के दोबारा भेजे जाने में वामपंथी दलों के विधायकों का सहयोग मिला था। विधान परिषद चुनाव में इसी उपकार के बदले कांग्रेस के विधायक वामपंथी दल के प्रत्याशी को सहयोग करेंगे। 

वहीं, कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पार्टी के अंदर इसको लेकर आक्रोश है, भले नेता खुलकर नहीं बोल रहे हैं। हाल के दिनों में बिहार में कांग्रेस के लिए यह दोहरे संकट से कम नहीं है। कांग्रेस के दो विधायक मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सौरव भाजपा के समर्थन में चले गए हैं और अब विधान परिषद की सीट से भी हाथ धोना पड़ा। इस बीच रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह से जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि कांग्रेस के पास 17 विधायक होने के बावजूद उसे विधान परिषद की एक भी सीट क्यों नहीं दी गई? इसपर अखिलेश सिंह मीडिया पर ही भड़क गए और कह दिया कि अगर आपको ज्यादा चिंता हो रही है तो आप ही दिलवा दीजिए। वहीं सीट शेयरिंग के सवाल पर अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि इतनी जल्दी किस बात की है, जल्द ही सीटों का बंटवारा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राजद ने विधान परिषद के लिए जो उम्मीदवार दिए हैं, उसका कांग्रेस समर्थन करेगी, इसमें कहीं कोई कंफ्यूजन नहीं है। प्रतिमा दास की नाराजगी पर उन्होंने कहा सभी विधायक अभी आए थे, पता नहीं विधायकों को क्या हो गया है?

Web Title: Congress is unhappy over not getting a seat in Bihar Legislative Council

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