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'एक-एक घर में जाकर शराबबंदी का सर्वे कीजिए', बिहार में सीएम नीतीश एक और सर्वेक्षण कराएंगे!

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: November 27, 2023 11:05 IST

अधिकारियों से नीतीश कुमार ने कहा कि एक-एक घर में जाकर पता कीजिए कि शराबबंदी का क्या प्रभाव है। सर्वे से ये पता चल जाएगा कि कौन-कौन लोग इसके पक्ष में हैं और कौन-कौन इसके खिलाफ।

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ठळक मुद्देनीतीश कुमार आजकल अपने बयानों के कारण ज्यादा चर्चा में रहते हैंनीतीश ने नशामुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित एक सरकारी समारोह में हिस्सा लियाकहा- 'एक-एक घर में जाकर शराबबंदी का सर्वे कीजिए'

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल अपने बयानों के कारण ज्यादा चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने शराबबंदी को लेकर फिर से कुछ ऐसा कहा है जिसकी चर्चा हो रही है। दरअसल नीतीश ने नशामुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित एक सरकारी समारोह में कहा कि  एक-एक घर में जाकर पता करें कि कौन शराबबंदी के पक्ष में है और कौन खिलाफ है। सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि मुझे सीमित क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर आधारित रिपोर्ट नहीं चाहिए। 

बता दें कि बिहार में शराब पर प्रतिबंध अप्रैल 2016 में लागू हुआ था। नीतीश कुमार को शराब से सख्त नफरत है ये अब जग-जाहिर है। समारोह में नीतीश कुमार ने कहा, "पांच साल पहले सर्वे कराया गया तो पता चला कि 1.64 करोड़ लोगों ने शराब  से तौबा कर ली। इसी साल में एक सर्वे से पता चला कि 1.82 करोड़ लोगों ने शराब को छोड़ दिया। इसी सर्वे से ये भी जानकारी मिली कि 99 फीसदी महिलाएं जबकि 92% मर्द शराबबंदी को सही मानते हैं। बिहार में शराबबंदी को लेकर हर रोज मेरे पास रिपोर्ट आती है।" नीतीश कुमार ने कहा कि अब तो सात साल हो गया और अब हम छोड़ने वाले नहीं हैं। नीतीश ने ये भी कह दिया कि केवल शराब पीने वाले अमीर लोग ही उनके खिलाफ हैं।

अधिकारियों से नीतीश कुमार ने कहा, "आपलोग ठीक ढंग से एक बार फिर से शराबबंदी का सर्वे कीजिए। हम तो कहेंगे एक-एक घर में जाकर पता कीजिए कि शराबबंदी का क्या प्रभाव है। हमलोगों ने जाति आधारित गणना कराई जिसमें एक-एक घर जाकर सभी चीजों की जानकारी ली गयी। उसी प्रकार एक-एक घर जाकर शराबबंदी को लेकर ठीक ढंग से आंकलन कीजिए। सर्वे से ये पता चल जाएगा कि कौन-कौन लोग इसके पक्ष में हैं और कौन-कौन इसके खिलाफ।"

शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि उनके राजनीतिक गुरू कर्पूरी ठाकुर के शासन में भी बिहार में शराबबंदी करने की कोशिश हुई थी। लेकिन तब की सरकार केवल दो साल में गिर गई और उसके बाद के शासन द्वारा शराब पर प्रतिबंध हटा दिया गया। बिहार सीएम ने कहा कि 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना शराब पीने के कारण होती है।

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